सुन्दर – कितने धनवान लगते थे वो, मन के मखमल ताने, आसमान की छत के नीचे, संतुष्टि के बड़े-बड़े पैमाने ।
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धन्यवाद सर
सुन्दर – कितने धनवान लगते थे वो, मन के मखमल ताने,
आसमान की छत के नीचे, संतुष्टि के बड़े-बड़े पैमाने ।