NRI सरदार मनदीप सिंह मान हमारे बीच नहीं रहे
NRI सरदार मनदीप सिंह मान हमारे बीच नहीं रहे
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अब लौट कर वो वापिस कभी नहीं आएगा,
पता नहीं था वो इस कदर हमे छोड़ जाएगा।
दो पल की नहीं मोहलत मिलती सांसों को,
बिना बताए वो जग से रुखसत हो जाएगा।
ऐसे बहुत कम लोग होते है जो संसार से रुखसत होने के बाद अपने पीछे अपनों और परायों के बीच एक अमित छाप और अविस्मरणीय यादें छोड़कर चले जाते है,जिनको भुलाये भी भूला नहीं जा सकता और जिनकी यादें दिलोदिमाग पर हमेशा छाई रहती हैं। इसी कड़ी में बहुत ही अच्छे व्यक्तित्व के धनी जे ब्लॉक भाई रणधीर सिंह नगर लुधियाना निवासी NRI सरदार मनदीप सिंह मान 40 वर्ष की अल्प आयु में ही अपनी सांसारिक यात्रा पूरी कर दुनिया से रुखसत हो गए जो कि स्वभाव से बहुत ही मृदुभाषी, सभ्य,शालीन,शांत,शीतल,मेहनती और सहयोगी प्रवृति के इंसान थे और तीन बहनों बलविंद्र कौर,कुलदीप कौर,कमलदीप कौर के इकलौते भाई थे। दिवंगत सरदार मनदीप सिंह मान ने माता जगदेव कौर की कोख से
गांव भुंदडी जिला लुधियाना में जन्म लिया जो की एक गृहणी थी तथा पिता सरदार गुरचरण सिंह मान एक साधारण परिश्रमी किसान थे। उनकी शुरुआती शिक्षा गांव भुंदरी के सरकारी विद्यालय में हुई।उन्होंने अपनी दसवीं की परीक्षा गुरु गोबिंद सिंह पब्लिक स्कूल हंबडा जिला लुधियाना तथा बारहवीं की परीक्षा नॉन मेडिकल के साथ राजकीय महाविद्यालय लुधियाना से उत्तीर्ण की। अपनी बी. टेक. मेकेनिकल की पढ़ाई करने के लिए उन्होंने IET कॉलेज पदल जिला रोपड़ में दाखिला ले लिया और अच्छे अंक अर्जन के साथ डिग्री हासिल की। वे आरंभ से ही होनहार, होशियार और आज्ञाकारी विद्यार्थी थे।लेकिन उनमें जीवन में कुछ और लीक से हट कर करने की धुन सवार थी। अपने सपनों को पूरा करने के लिए वो अच्छे बैंड अर्जित कर न्यूजीलैंड में चले गए और वहां पर अपने बलबूते पर वहां की स्थाई नागरिकता हासिल कर ऑकलैंड शहर में विस्थापित हो गए और वहीं विदेशी धरती पर खुद का व्यवसाय स्थापित कर एक विशेष मुकाम हासिल किया। उन्होंने वहां रह कर अपनी सहयोगी भावना से वशीभूत हो वहां पर बहुत अंजान एवम जरूरतमंद लोगों की भरसक सहायता की। इसी दौरान उन्होंने एक ही साल में माता पिता दोनो को खो दिया।कड़ी और विकट परस्थितियों का सामना करते हुए वो खुद कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से ग्रसित हो गए और बीमारी से लड़ते लड़ते अपने जीवन की जंग हार गए और दिनांक 29 अप्रैल 2023 को अपनों को रोता बिलखता छोड़ संसार को सदा सदा के लिए अलविदा कह गए।उनके बहनोई रिटायर्ड ADC सरदार जसपाल सिंह गिल के कथन अनुसार उनके पीछे उनके परिवार का बहुत बुरा हाल है और जैसा कि अपने परिवार के इकलौते चिरगा थे ,जिनके जाने पर कुल का चिराग ही बुझ सा गया है।भगवान दिवंगत आत्मा को स्वर्ग में शांति प्रदान करे और परिवार को दुख सहने की समर्थ शक्ति प्रदान करे।
कब कौन किसी को भी कभी रोक पाया है,
मनसीरत जाने पर जग ने मातम मनाया है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)