Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jan 2022 · 1 min read

My Expressions

For pittance of gratification expectation of favours are enormous, once falling in this trap makes an individual monetary slave with no command on “self” and no path for reversal.

Language: English
Tag: Quotation
348 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
ग़ज़ल _ धड़कन में बसे रहते ।
ग़ज़ल _ धड़कन में बसे रहते ।
Neelofar Khan
तुम्हारी बात कैसे काट दूँ,
तुम्हारी बात कैसे काट दूँ,
Buddha Prakash
ना अश्रु कोई गिर पाता है
ना अश्रु कोई गिर पाता है
Shweta Soni
संवेदनाएं
संवेदनाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
स्नेह का बंधन
स्नेह का बंधन
Dr.Priya Soni Khare
एक स्त्री चाहे वह किसी की सास हो सहेली हो जेठानी हो देवरानी
एक स्त्री चाहे वह किसी की सास हो सहेली हो जेठानी हो देवरानी
Pankaj Kushwaha
"रहबर"
Dr. Kishan tandon kranti
सोया भाग्य जगाएं
सोया भाग्य जगाएं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
*हिंदी तो मेरे मन में है*
*हिंदी तो मेरे मन में है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तुमसे करता हूँ मोहब्बत मैं जैसी
तुमसे करता हूँ मोहब्बत मैं जैसी
gurudeenverma198
अमृत वचन
अमृत वचन
Dp Gangwar
बालों की सफेदी देखी तो ख्याल आया,
बालों की सफेदी देखी तो ख्याल आया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
निकल पड़े है एक बार फिर नये सफर पर,
निकल पड़े है एक बार फिर नये सफर पर,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
व्याकुल मन की व्यञ्जना
व्याकुल मन की व्यञ्जना
हिरेन जोशी
विवेकवान कैसे बनें। ~ रविकेश झा
विवेकवान कैसे बनें। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
बात मन की
बात मन की
surenderpal vaidya
3206.*पूर्णिका*
3206.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो...
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मायने रखता है
मायने रखता है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
भक्ति गीत (जय शिव शंकर)
भक्ति गीत (जय शिव शंकर)
Arghyadeep Chakraborty
धरती पर जन्म लेने वाला हर एक इंसान मजदूर है
धरती पर जन्म लेने वाला हर एक इंसान मजदूर है
प्रेमदास वसु सुरेखा
"हार व जीत तो वीरों के भाग्य में होती है लेकिन हार के भय से
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
फ़क़्त ज़हनी तवाज़ुन से निकलती हैं तदबीरें,
फ़क़्त ज़हनी तवाज़ुन से निकलती हैं तदबीरें,
Dr fauzia Naseem shad
मदहोशी के इन अड्डो को आज जलाने निकला हूं
मदहोशी के इन अड्डो को आज जलाने निकला हूं
कवि दीपक बवेजा
🌺🌻 *गुरु चरणों की धूल*🌻🌺
🌺🌻 *गुरु चरणों की धूल*🌻🌺
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जोकर
जोकर
Neelam Sharma
सरस्वती बुआ जी की याद में
सरस्वती बुआ जी की याद में
Ravi Prakash
#लिख_के_रख_लो।
#लिख_के_रख_लो।
*प्रणय*
वर्तमान समय में रिश्तों की स्थिति पर एक टिप्पणी है। कवि कहता
वर्तमान समय में रिश्तों की स्थिति पर एक टिप्पणी है। कवि कहता
पूर्वार्थ
"अमरूद की महिमा..."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Loading...