Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jan 2022 · 1 min read

My Expressions

Mistake committed by a child to be warded and corrected by the parents,; otherwise, repeated committal of such error converts into permanent negative vibe of child’s character.

Language: English
Tag: Quotation
168 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
खुदा ने ये कैसा खेल रचाया है ,
खुदा ने ये कैसा खेल रचाया है ,
Sukoon
राधा कृष्ण होली भजन
राधा कृष्ण होली भजन
Khaimsingh Saini
नारी
नारी
Prakash Chandra
तन्हाई
तन्हाई
Rajni kapoor
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
बच्चे
बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
* मुस्कुराते नहीं *
* मुस्कुराते नहीं *
surenderpal vaidya
विटप बाँटते छाँव है,सूर्य बटोही धूप।
विटप बाँटते छाँव है,सूर्य बटोही धूप।
डॉक्टर रागिनी
"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
ऐ मां वो गुज़रा जमाना याद आता है।
ऐ मां वो गुज़रा जमाना याद आता है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
*जितना आसान है*
*जितना आसान है*
नेताम आर सी
उजालों में अंधेरों में, तेरा बस साथ चाहता हूँ
उजालों में अंधेरों में, तेरा बस साथ चाहता हूँ
डॉ. दीपक मेवाती
■
■ "बेमन" की बात...
*Author प्रणय प्रभात*
पागल
पागल
Sushil chauhan
दीपों की माला
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पुस्तकें
पुस्तकें
डॉ. शिव लहरी
जन जन में खींचतान
जन जन में खींचतान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
घरौंदा
घरौंदा
Madhavi Srivastava
कहना नहीं तुम यह बात कल
कहना नहीं तुम यह बात कल
gurudeenverma198
ग़ज़ल/नज़्म - ये प्यार-व्यार का तो बस एक बहाना है
ग़ज़ल/नज़्म - ये प्यार-व्यार का तो बस एक बहाना है
अनिल कुमार
*धन्य अयोध्या हुई जन्म-भू, जिनकी गरिमा पाई【मुक्तक】*
*धन्य अयोध्या हुई जन्म-भू, जिनकी गरिमा पाई【मुक्तक】*
Ravi Prakash
Rebel
Rebel
Shekhar Chandra Mitra
परमूल्यांकन की न हो
परमूल्यांकन की न हो
Dr fauzia Naseem shad
कौन यहाँ पढ़ने वाला है
कौन यहाँ पढ़ने वाला है
Shweta Soni
2552.*पूर्णिका**कामयाबी का स्वाद चखो*
2552.*पूर्णिका**कामयाबी का स्वाद चखो*
Dr.Khedu Bharti
जब लोग आपसे खफा होने
जब लोग आपसे खफा होने
Ranjeet kumar patre
मेंरे प्रभु राम आये हैं, मेंरे श्री राम आये हैं।
मेंरे प्रभु राम आये हैं, मेंरे श्री राम आये हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
*हैं जिनके पास अपने*,
*हैं जिनके पास अपने*,
Rituraj shivem verma
Loading...