Meri awaz ho ja tu
मेरी आवाज़ हो जा तू, मैं तेरा बोल बन जाऊं
बिके जब जहा भी तू , मैं तेरा मोल बन जाऊं
गुनहगार है मोहब्बत के जमाने में सभी जानम
तू मोती सा समा मुझमें मैं सीपी सा खोल बन जाऊं
ना मुझको चाह है हीरे और जवाहर की मेरे यारा
मुझे नज़रों से छू ले तू मैं अनमोल बन जाऊं
प्रज्ञा गोयल ©®