Mai deewana ho hi gya
तेरी आँखियाँ
विच मैं खो ही गया
चंगी सूरत देख क
मैं दीवाना हो ही गया।
चंगी है सूरत तेरी
जैसे संगेमरमर की है मूरत कोई
कितने प्यार से तरासा है तुझको खुदा ने
ना तुझमें कमी है कोई।
तेरी आँखियाँ विच मैं खो ही गया
जैसे मुझे कुछ हो ही गया
तेरी चंगी सूरत देख के
मेरा मन बेकाबू हो ही गया
ऐसा लगता, मुझे तुमसे प्यार हो ही गया।
कमी थी मेरे ही मन की।
पीछे भागा किये मैं
जैसे बनके कोई सनकी।
परख नही थी मुझे
उजले मन की।
कमी थी मेरे ही मन की
बेवजहा उलझा रहा मैं
बेवहा की लत मुझे लगी थी।
तेरी आँखियाँ-वखीयाँ
विच मैं खो ही गया
चंगी सूरत देख क
मैं दीवाना हो ही गया।