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Language: Hindi
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सूर्य की उपासना
सूर्य की उपासना
रुपेश कुमार
सांसों का क्या ठिकाना है
सांसों का क्या ठिकाना है
नूरफातिमा खातून नूरी
गुजरी जो बीती गलियों से
गुजरी जो बीती गलियों से
Chitra Bisht
हैं जो हाथ में,लिए नमक शैतान .
हैं जो हाथ में,लिए नमक शैतान .
RAMESH SHARMA
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*प्रणय*
यमुना के तीर पर
यमुना के तीर पर
श्रीहर्ष आचार्य
हे सूरज देवा
हे सूरज देवा
Pratibha Pandey
बेशर्मी ही तो है
बेशर्मी ही तो है
लक्ष्मी सिंह
छठ पूजा
छठ पूजा
Dr Archana Gupta
एक नया रास्ता
एक नया रास्ता
Bindesh kumar jha
खो गई लय
खो गई लय
Saraswati Bajpai
#काव्यमय_शुभकामना
#काव्यमय_शुभकामना
*प्रणय*
यही चाहूँ तुमसे, मोरी छठ मैया
यही चाहूँ तुमसे, मोरी छठ मैया
gurudeenverma198
ताल -तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान
ताल -तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खाक में मिल जाएगा ये मिट्टी का बदन तेरा.......
खाक में मिल जाएगा ये मिट्टी का बदन तेरा.......
shabina. Naaz
छठ का शुभ त्यौहार
छठ का शुभ त्यौहार
surenderpal vaidya
यजीद के साथ दुनिया थी
यजीद के साथ दुनिया थी
shabina. Naaz
मुहब्बत करने वालों
मुहब्बत करने वालों
shabina. Naaz
*हाथी*
*हाथी*
Dushyant Kumar
*कैसा है मेरा शहर*
*कैसा है मेरा शहर*
Dushyant Kumar
पिता की व्यथा
पिता की व्यथा
Chitra Bisht
रिश्तों का असंतुलन
रिश्तों का असंतुलन
manorath maharaj
विश्वासघात से आघात,
विश्वासघात से आघात,
लक्ष्मी सिंह
थरमस (बाल कविता)
थरमस (बाल कविता)
Dr. Kishan tandon kranti
वो तो मां है जो मुझे दूसरों से नौ महीने ज्यादा जानती है
वो तो मां है जो मुझे दूसरों से नौ महीने ज्यादा जानती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किताबों के भूत
किताबों के भूत
Dr. Rajeev Jain
ज़ख्मों की गहराई
ज़ख्मों की गहराई
Dr. Rajeev Jain
खोखले शब्द
खोखले शब्द
Dr. Rajeev Jain
चांद तो चांद ही
चांद तो चांद ही
shabina. Naaz
नस नस में तू है तुझको भुलाएँ भी किस तरह
नस नस में तू है तुझको भुलाएँ भी किस तरह
Dr Archana Gupta
देश की अखण्डता
देश की अखण्डता
पंकज परिंदा
ज़िंदगी  है  गीत  इसको  गुनगुनाना चाहिए
ज़िंदगी है गीत इसको गुनगुनाना चाहिए
Dr Archana Gupta
नफ़रतों के जो शोले........,भड़कने लगे
नफ़रतों के जो शोले........,भड़कने लगे
पंकज परिंदा
भूल चूका हूँ सब कुछ बाबा- भजन -अरविंद भारद्वाज
भूल चूका हूँ सब कुछ बाबा- भजन -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
पता नहीं लोग क्यूँ अपने वादे से मुकर जाते है.....
पता नहीं लोग क्यूँ अपने वादे से मुकर जाते है.....
shabina. Naaz
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
अपूर्णता में पूर्ण है जो ,
अपूर्णता में पूर्ण है जो ,
rubichetanshukla 781
हम से भी ज्यादा हमारे है
हम से भी ज्यादा हमारे है
नूरफातिमा खातून नूरी
शीर्षक - सोच आपकी हमारी
शीर्षक - सोच आपकी हमारी
Neeraj Agarwal
मुझे अच्छी लगती
मुझे अच्छी लगती
Seema gupta,Alwar
कलयुग के बाजार में
कलयुग के बाजार में
gurudeenverma198
छठ पूजन
छठ पूजन
surenderpal vaidya
#आदरांजलि-
#आदरांजलि-
*प्रणय*
हर लम्हा
हर लम्हा
surenderpal vaidya
दो शे'र ( ख़्याल )
दो शे'र ( ख़्याल )
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
छुपा कर दर्द सीने में,
छुपा कर दर्द सीने में,
लक्ष्मी सिंह
लंबा धागा फालतू, कड़वी बड़ी जुबान .
लंबा धागा फालतू, कड़वी बड़ी जुबान .
RAMESH SHARMA
कर्मों का फल
कर्मों का फल
Ram Krishan Rastogi
#आदरांजलि-
#आदरांजलि-
*प्रणय*
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