अशोक वाटिका मे सीता संग हनुमान वार्ता भाषा
वृक्ष होते पक्षियों के घर
कौन यहाँ पर किसकी ख़ातिर,, बैठा है,,
तल्खियां
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
प्रेम के खत न मैं लिख सकूंगा सनम।
बहुत ज्यादा करीब आना भी एक परेशानी का सबब है।
हर रात रंगीन बसर करने का शौक़ है उसे,
सुनते भी रहे तुमको मौन भी रहे हरदम।
Panna mai zindgi ka agar fir se palatu
उल्फ़त का आगाज़ हैं, आँखों के अल्फाज़ ।
इल्म की कमी अखलाक छुपा लेते हैं
जो पहले ही कदमो में लडखडा जाये
*राममय हुई रामपुर रजा लाइब्रेरी*
Mksport là một trong những nhà cái c&aa
The battle is not won by the one who keep complaining, inste