नमन है_मेरा वीर_नारी आप_को..🙏💐
"साहित्यकार और पत्रकार दोनों समाज का आइना होते है हर परिस्थि
शुभ रात्रि मित्रों.. ग़ज़ल के तीन शेर
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
वज़्न -- 2122 1122 1122 22(112) अर्कान -- फ़ाइलातुन - फ़इलातुन - फ़इलातुन - फ़ैलुन (फ़इलुन) क़ाफ़िया -- [‘आना ' की बंदिश] रदीफ़ -- भी बुरा लगता है
गैरों की भीड़ में, अपनों को तलाशते थे, ख्वाबों के आसमां में,
Right now I'm quite notorious ,
सिर्फ़ शिकायत करते हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दोहा- सरस्वती
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
हर किसी का एक मुकाम होता है,
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,