तेरे चेहरे की मुस्कान है मेरी पहचान,
रक्षाबंधन की सभी भाई बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां
"मोहि मन भावै स्नेह की बोली"
हिन्दी ग़ज़ल के कथ्य का सत्य +रमेशराज
*दुराचारी का अक्सर अंत, अपने आप होता है (मुक्तक)*
#एक_मुक्तक- *(अहसास के हवाले से)*
नवरात्रि के इस पवित्र त्योहार में,
दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए
भिंगती बरसात में युँ ही बेचारी रात
मेरी सुख़न-गोई बन गई है कलाम मेरा,