Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

I’m not proud

I’m not proud
I don’t know what I am
I’m not proud

I’m not wealthy
Yet I’m satisfied
I can feed the people
Giving them my own food

I’m not powerful
Yet I’m satisfied
I can help the people
Giving them my helping hand

I’m not any king
Yet I’m satisfied
I can win the people
Spreading love and blessings

I’m not Almighty
Yet I’m satisfied
I can do whatever like
Nothing is impossible in life

V9द चौहान

1 Like · 97 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from VINOD CHAUHAN
View all
You may also like:
सावन
सावन
Dr Archana Gupta
अल्फाजों रूह मेरी,
अल्फाजों रूह मेरी,
हिमांशु Kulshrestha
बेटा बेटी है एक समान,
बेटा बेटी है एक समान,
Rituraj shivem verma
"क्षमायाचना"
Dr. Kishan tandon kranti
कहीं से गुलशन तो कहीं से रौशनी आई
कहीं से गुलशन तो कहीं से रौशनी आई
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मिजाज मेरे गांव की....
मिजाज मेरे गांव की....
Awadhesh Kumar Singh
"अपनी भूल नहीं मानते हम ll
पूर्वार्थ
*वह बिटिया थी*
*वह बिटिया थी*
Mukta Rashmi
ईश्वर ने हमें सुख दिया है, दुःख हम स्वयं निर्माण कर रहे हैं।
ईश्वर ने हमें सुख दिया है, दुःख हम स्वयं निर्माण कर रहे हैं।
Ravikesh Jha
रहो तुम प्यार से जुड़कर ,
रहो तुम प्यार से जुड़कर ,
DrLakshman Jha Parimal
46...22 22 22 22 22 22 2
46...22 22 22 22 22 22 2
sushil yadav
दिल में कुण्ठित होती नारी
दिल में कुण्ठित होती नारी
Pratibha Pandey
ख्याल नहीं थे उम्दा हमारे, इसलिए हालत ऐसी हुई
ख्याल नहीं थे उम्दा हमारे, इसलिए हालत ऐसी हुई
gurudeenverma198
स्वप्न ....
स्वप्न ....
sushil sarna
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
Subhash Singhai
■ कौन बताएगा...?
■ कौन बताएगा...?
*प्रणय*
*भिन्नात्मक उत्कर्ष*
*भिन्नात्मक उत्कर्ष*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कहानी, बबीता की ।
कहानी, बबीता की ।
Rakesh Bahanwal
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
Dr Tabassum Jahan
आओ थोड़ा जी लेते हैं
आओ थोड़ा जी लेते हैं
Dr. Pradeep Kumar Sharma
यूँही चलते है कदम बेहिसाब
यूँही चलते है कदम बेहिसाब
Vaishaligoel
यादें
यादें
Dr fauzia Naseem shad
कल मैं सफरर था, अभी तो मैं सफर में हूं।
कल मैं सफरर था, अभी तो मैं सफर में हूं।
Sanjay ' शून्य'
हर पल
हर पल
Davina Amar Thakral
ସାର୍ଥକ ଜୀବନ ସୁତ୍ର
ସାର୍ଥକ ଜୀବନ ସୁତ୍ର
Bidyadhar Mantry
देन वाले
देन वाले
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
"इन्तेहा" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मैंने प्रेम किया और प्रेम को जिया भी।
मैंने प्रेम किया और प्रेम को जिया भी।
लक्ष्मी सिंह
*जीता है प्यारा कमल, पुनः तीसरी बार (कुंडलिया)*
*जीता है प्यारा कमल, पुनः तीसरी बार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
2770. *पूर्णिका*
2770. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...