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20 Feb 2017 · 1 min read

II सृष्टि का चक्र II

मुक्तक —

सृष्टि का चक्र है ऐसा कुछ ऐसे ही चलता है l
किसी की जान लेकर ही किसी का पेट भरता है ll

वो चाहे फूल पौधे हो या हो जीव ही कोई l
किसी की जिंदगी खातिर निवाला कोई बनता है ll

संजय सिंह ‘सलिल’
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश l

Language: Hindi
618 Views
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