II सृष्टि का चक्र II
मुक्तक —
सृष्टि का चक्र है ऐसा कुछ ऐसे ही चलता है l
किसी की जान लेकर ही किसी का पेट भरता है ll
वो चाहे फूल पौधे हो या हो जीव ही कोई l
किसी की जिंदगी खातिर निवाला कोई बनता है ll
संजय सिंह ‘सलिल’
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश l
मुक्तक —
सृष्टि का चक्र है ऐसा कुछ ऐसे ही चलता है l
किसी की जान लेकर ही किसी का पेट भरता है ll
वो चाहे फूल पौधे हो या हो जीव ही कोई l
किसी की जिंदगी खातिर निवाला कोई बनता है ll
संजय सिंह ‘सलिल’
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश l