II पेड़ों का साया II
कुछ तो कदर करो ,दुनिया में लाने वालों की l
बहुत पछताएगा जब ,सिर पर ना साया होगा ll
आसान नहीं होता ,दुनिया का सफर यारों l
भूखे रहकर भी, बच्चों को खिलाया होगा ll
साथ पेड़ों का है जरूरी ,इन को बचाना होगा l
जिस्म जल जाएंगे जब ,सर पर ना साया होगा ll
कल हम न होंगे ,फिर भी हमारे होंगे l
कुछ तो विरासत में, हम ने बनाया होगा ll
संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश