II….आइए आपकी जरूरत है….. II
आइए आपकी जरूरत है,
जिंदगी कितनी खूबसूरत है l
फितरत उसकी समझ में ना आई,
यार चेहरा खूबसूरत हैl
पूरी कैसे तमन्ना उल्फत की ,
जब इतनी बड़ी शिकायत है l
बात बनती नहीं बनाने से,
न बिगाड़ो मेरी नसीहत है l
बांट लेना मेरी खुशी सारी,
सिर्फ इतनी मेरी वसीयत है l
साथ चलना रहा कहां मुश्किल,
छोड़ना बीच में रवायत है l
संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़ ,उत्तर प्रदेश l