Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2017 · 1 min read

II अब तो आजा II

नवगीत

डूबा डूबा ए मन ,
प्यासे प्यासे नयन,
थक गए हैं कदम,
अब तो आजा lI

ना कर इतने सितम
जी सकेंगे न हम ,
टूटे टूटे सपना,
अब तो आजा lI

सपनों के गांव में,
प्यार की छांव में ,
इस दुनिया से दूर ,
अब तो आजा lI

ओढ़े धानी चुनर,
प्यार की ले गागर,
दिल की सूनी डगर ,
अब तो आजा ll

यह हंसी वादियां ,
तेज हैं आंधियां,
बुझ ना जाए दिए ,
अब तो आजा ll

सावन की छटा ,
घिरी काली घटा,
आधा जीवन चला,
अब तो आजा ll

संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश l

Language: Hindi
Tag: गीत
340 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Leading Pigment Distributors in India | Quality Pigments for Every Industry
Leading Pigment Distributors in India | Quality Pigments for Every Industry
Bansaltrading Company
घायल मेरा प्यार....!
घायल मेरा प्यार....!
singh kunwar sarvendra vikram
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Vijay kumar Pandey
*Keep Going*
*Keep Going*
Poonam Matia
“पथ रोके बैठी विपदा”
“पथ रोके बैठी विपदा”
Neeraj kumar Soni
LIVE IN THE PRESENT
LIVE IN THE PRESENT
पूर्वार्थ
नश्वर संसार
नश्वर संसार
Shyam Sundar Subramanian
चलो कुछ कहें
चलो कुछ कहें
Dr. Rajeev Jain
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
Piyush Goel
"वो लालबाग मैदान"
Dr. Kishan tandon kranti
उम्मीद का टूट जाना
उम्मीद का टूट जाना
हिमांशु Kulshrestha
बुद्ध पूर्णिमा शुभकामनाएं - बुद्ध के अनमोल विचार
बुद्ध पूर्णिमा शुभकामनाएं - बुद्ध के अनमोल विचार
Raju Gajbhiye
इंसानियत खो गई
इंसानियत खो गई
Pratibha Pandey
छाऊ मे सभी को खड़ा होना है
छाऊ मे सभी को खड़ा होना है
शेखर सिंह
*ऋषि (बाल कविता)*
*ऋषि (बाल कविता)*
Ravi Prakash
तुम जलधर मैं मीन...
तुम जलधर मैं मीन...
डॉ.सीमा अग्रवाल
घर से निकालकर सड़क पर डाल देते हों
घर से निकालकर सड़क पर डाल देते हों
Keshav kishor Kumar
49....Ramal musaddas mahzuuf
49....Ramal musaddas mahzuuf
sushil yadav
एकाकार
एकाकार
Shashi Mahajan
चाहे हो शह मात परिंदे..!
चाहे हो शह मात परिंदे..!
पंकज परिंदा
चंद दोहा
चंद दोहा
सतीश तिवारी 'सरस'
ज़िंदगी सौंप दी है यूं हमने तेरे हवाले,
ज़िंदगी सौंप दी है यूं हमने तेरे हवाले,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कभी खामोशियां.. कभी मायूसिया..
कभी खामोशियां.. कभी मायूसिया..
Ravi Betulwala
अक्षर ज्ञानी ही, कट्टर बनता है।
अक्षर ज्ञानी ही, कट्टर बनता है।
नेताम आर सी
Every moment has its own saga
Every moment has its own saga
अमित
मदनोत्सव
मदनोत्सव
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
तारीफ तेरी, और क्या करें हम
तारीफ तेरी, और क्या करें हम
gurudeenverma198
सोना और चांदी हैं, कलंदर,तेरी आंखें। मशरूब की मस्ती हैं,समंदर तेरी आंखें।
सोना और चांदी हैं, कलंदर,तेरी आंखें। मशरूब की मस्ती हैं,समंदर तेरी आंखें।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
3103.*पूर्णिका*
3103.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Life is Beautiful?
Life is Beautiful?
Otteri Selvakumar
Loading...