II चाहे जिसकी सरकार रहे II
जब तक सांसे चलती है ,
जिंदा मेरा प्यार रहेगा l
चाहे जिसकी सरकार रहे ,
इस दिल पर तेरा राज रहेगा ll
पाना खोना खो कर पाना,
दुनिया का व्यापार यही l
प्यार मेरा जागीर मेरी है,
मेरा ही अधिकार रहेगा II
कैसे भूलूंगा वो सपने,
जो देखे इन आंखों ने l
सब कुछ मेरा तुम को देकर,
क्या मेरा सम्मान रहेगा ?
कैसे छुपाऊं, कैसे बताऊं,
मेरा तुझसे रिश्ता क्या ?
छुप कर प्यार हुआ जो,
क्या उसका अब नाम रहेगा ?
संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश l