Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Apr 2022 · 1 min read

I Have No Desire To Be Found At Any Cost

I love this darkness and this naked sky,
It hugs me without any judgment and never asks why.
The moon is showering its unfiltered glitter,
I can talk to it without any transmitter.
The cold air is silently brushing my pain,
Which always haunted me, somewhere inside my brain.
A firefly is continuously catching my sight,
I want to dance with it under this milky twilight.
A nightingale is singing somewhere too far,
Her singing is working as an ointment on my open scar.
I have heard some voices and am taken aback,
Somewhere the werewolves are choosing the Alpha of their pack.
The loneliness and the sanity of this life are an epic,
Which soothes my heart that once was toxic.
Please, don’t try to find me, I have got lost,
And I have no desire to be found at any cost.

Language: English
Tag: Poem
1 Like · 1 Comment · 573 Views
Books from Manisha Manjari
View all

You may also like these posts

प्रेमागमन / मुसाफ़िर बैठा
प्रेमागमन / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
आज के समय के नेता
आज के समय के नेता
Sonit Parjapati
" एकता "
DrLakshman Jha Parimal
बात का जबाब बात है
बात का जबाब बात है
शेखर सिंह
भाव - श्रृंखला
भाव - श्रृंखला
Shyam Sundar Subramanian
"खिलाफत"
Dr. Kishan tandon kranti
अधिकार और पशुवत विचार
अधिकार और पशुवत विचार
ओंकार मिश्र
उनकी मोहब्बत में सब कुछ भुलाए बैठें हैं
उनकी मोहब्बत में सब कुछ भुलाए बैठें हैं
Jyoti Roshni
*Deep Sleep*
*Deep Sleep*
Poonam Matia
छलिया तो देता सदा,
छलिया तो देता सदा,
sushil sarna
आकांक्षाएं और नियति
आकांक्षाएं और नियति
Manisha Manjari
ये अश्क भी बे मौसम बरसात हो गए हैं
ये अश्क भी बे मौसम बरसात हो गए हैं
Gouri tiwari
अग्निपथ
अग्निपथ
Arvina
खामोशी : काश इसे भी पढ़ लेता....!
खामोशी : काश इसे भी पढ़ लेता....!
VEDANTA PATEL
आसमां पर घर बनाया है किसी ने।
आसमां पर घर बनाया है किसी ने।
डॉ.सीमा अग्रवाल
प्रकाश
प्रकाश
Aman Kumar Holy
तन्हा
तन्हा
Kanchan Advaita
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
Manoj Mahato
दान
दान
Neeraj Agarwal
जबकि तड़पता हूँ मैं रातभर
जबकि तड़पता हूँ मैं रातभर
gurudeenverma198
मारगियां  हैं  तंग, चालो  भायां  चेत ने।
मारगियां हैं तंग, चालो भायां चेत ने।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
भेज भी दो
भेज भी दो
हिमांशु Kulshrestha
अगर कोई इच्छा हो राहें भी मिल जाती है।
अगर कोई इच्छा हो राहें भी मिल जाती है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*रोटी उतनी लीजिए, थाली में श्रीमान (कुंडलिया)*
*रोटी उतनी लीजिए, थाली में श्रीमान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अपना-अपना भाग्य
अपना-अपना भाग्य
Indu Singh
3889.*पूर्णिका*
3889.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नए साल में....
नए साल में....
sushil yadav
#शुभ_दीपोत्सव
#शुभ_दीपोत्सव
*प्रणय*
Don't Give Up..
Don't Give Up..
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
रक्षा बंधन का पावन त्योहार जब आता है,
रक्षा बंधन का पावन त्योहार जब आता है,
Ajit Kumar "Karn"
Loading...