लघुकथा
टूट-फूट
पड़ोसियों के साथ झगड़े में घायल दिनेश को परिजन सरकारी अस्पताल में ले गए।
दिनेश के पिता ने फोन पर दिनेश के साथ गए परिजन से जानकारी लेनी चाही।
फोन के माध्यम से पता चला कि एम एल आर कट गई। गुमचोट हैं, टूट-फूट नहीं है।
टूट-फूट न होने की सुन कर दिनेश की मां ने राहत की सांस ली, लेकिन पिता की मुट्ठियां व जाड़ें गुस्से से भिंच गईं, चेहरा तमतमा गया। पिता को लगा कि टूट-फूट न होने के कारण, मुकदमा कमजोर हो गया।
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– विनोद सिल्ला