Hey….!!
Hey….!!
Listen….!!
ये कोई comperetion नहीं realty है
यूँ तो पुरुषों को प्रेम.. स्त्री की अपेक्षा कम ही होता है..
पर जब होता है तो उसे अपने किसी भी भले बुरे का संज्ञान नहीं रहता….!
अक्सर प्रेम के शिखर पर बैठी स्त्री समतल पे बापस आना जानती है…
हाथ मिले तो वो निःसंकोच निःसंदेह लौट आती है…,
पर पुरुष सहायता मिलने पर भी नहीं वापस उतर पाता, और उतर आता भी है तो वो सतत वापस उसी शिखर पर चढ़ने की कोशिश करता है….!
कोमल हृदय का टूटना दुःखदायक है,
पर कठोर हृदय का टूटना बहुत हृदय विदारक होता है…!
सुनों… तुम अगली बार किसी से प्रेम करो तो
उसे निभाना जरूर…..
I don’t know but सुना है के अर्थी पे फेंके दानों को परिंदे भी नहीं चुगते…!