भीड़ दुनिया में हद से ज़्यादा है,
जगत कंटक बिच भी अपनी वाह है |
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
लपेट कर नक़ाब हर शक्स रोज आता है ।
💐प्रेम कौतुक-563💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वेलेंटाइन डे आशिकों का नवरात्र है उनको सारे डे रोज, प्रपोज,च
औरत को बनाया तूने बहुत सोच-समझकर,
गिरें पत्तों की परवाह कौन करें
मर्यादा, संघर्ष और ईमानदारी,
कहमुकरी (मुकरिया) छंद विधान (सउदाहरण)
काव्य में सत्य, शिव और सौंदर्य
*जग में होता मान उसी का, पैसा जिसके पास है (हिंदी गजल)*
छोड़ तो आये गांव इक दम सब-संदीप ठाकुर