जिंदगी मौत से बत्तर भी गुज़री मैंने ।
संवेदनापूर्ण जीवन हो जिनका 🌷
*श्री विष्णु प्रभाकर जी के कर - कमलों द्वारा मेरी पुस्तक "रामपुर के रत्न" का लोकार्पण*
i always ask myself to be worthy of things, of the things th
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
देख लूँ गौर से अपना ये शहर
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
या तो लाल होगा या उजले में लपेटे जाओगे
मुझे ऊंचाइयों पर देखकर हैरान हैं बहुत लोग,
2122 :1222 : 122: 12 :: एक बार जो पहना …..
आपको देखकर _दिल को ऐसा लगा
"कर्म की भूमि पर जब मेहनत का हल चलता है ,