Ghzal
विधा :- ग़ज़ल
2212
है ईश्क़ गर
तो फिक्र कर ।
मेरी तरफ़
देखा तू कर ।
ख्वाबों में आ
फ़िर रात भर ।
दिल में समा
आँखों के दर।
चाहत रहे
गर उम्र भर ।
तो ज़िंदगी
जाए गुजर।
नज़रे करम
हो जो इधर ।
हो गा अजय
आसां सफ़र ।
-अजय प्रसाद
-अजय प्रसाद
आसन्सोल , प. बंगाल