Gazal
लोगो के अरमान जगाता फिरता हूँ
देशप्रेम के गान सुनाता फिरता हूँ .
सोये हुये खाब्ब जगाता फिरता हूँ
सबके जख्मो को सहलाता फिरता हूँ ,
तन्हाई में जशन से हंसाता फिरता हूँ ,
खुद को मुश्किलों में निभाता फिरता हूँ .
हर खतरे से आंख लडाने को पला
हर मुश्किल में मुस्कराता फिरता हूँ .
ना जाने उस वजह को क्यों याद करता हूँ ,
सबमे वाह जज्वा बनाता फिरता हूँ .
रेखा मोहन २०/५/२०१६