Gazal
छुपे हैं ऐब जो उसको तू बेनकाब न कर।
खुदा पे छोड़ किसी का भी तू हिसाब न कर।
बुरा हूं लाख मगर तू बना रहे अच्छा,
बुराई देखकर अपनी नजर खराब न कर।
छुपे हैं ऐब जो उसको तू बेनकाब न कर।
खुदा पे छोड़ किसी का भी तू हिसाब न कर।
बुरा हूं लाख मगर तू बना रहे अच्छा,
बुराई देखकर अपनी नजर खराब न कर।