चराग़ों ने इन हवाओं को क्या समझ रखा है,
शरीर मोच खाती है कभी आपकी सोच नहीं यदि सोच भी मोच खा गई तो आ
बुंदेली हास्य मुकरियां
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री 👌💐👌
उन्हें इल्म हो भी तो कैसे इश्क का,
कहू किया आइ रूसल छी , कोनो कि बात भ गेल की ?
वो जो कहते है पढ़ना सबसे आसान काम है
लगाकर मुखौटा चेहरा खुद का छुपाए बैठे हैं
कोई हमारे लिए जब तक ही खास होता है
Writing Academic Papers: A Student's Guide to Success
నేటి ప్రపంచం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'