हालात ही है जो चुप करा देते हैं लोगों को
दुःख बांटने से दुःख ही मिलता है
आ लौट के आजा टंट्या भील
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
हमेशा गिरगिट माहौल देखकर रंग बदलता है
तूफ़ान कश्तियों को , डुबोता नहीं कभी ,
बेशक ! बसंत आने की, खुशी मनाया जाए
We are not meant to stay the same. We are meant to grow and
क्या जलाएगी मुझे यह, राख झरती ठाँव मधुरे !
नवरात्रा तीसरा ★ तृतीय अंक ★* 3* दो स्तुतियां
ख़ौफ़ इनसे कभी नहीं खाना ,
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
तन मन में प्रभु करें उजाला दीप जले खुशहाली हो।
कोई कमी जब होती है इंसान में...