उससे तू ना कर, बात ऐसी कभी अब
" अलबेले से गाँव है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
उलफ़त को लगे आग, गिरे इश्क पे बिजली
गोलियों की चल रही बौछार देखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
■ अभाव, तनाव, चुनाव और हम
बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान ,
कभी तो ख्वाब में आ जाओ सूकून बन के....
🍁🍁तेरे मेरे सन्देश-7🍁🍁
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मानसिक शान्ति के मूल्य पर अगर आप कोई बहुमूल्य चीज भी प्राप्त
दिवाली मुबारक नई ग़ज़ल विनीत सिंह शायर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
प्रेम को भला कौन समझ पाया है