बदल गई काया सुनो, रहा रूप ना रंग।
आसान नही सिर्फ सुनके किसी का किरदार आंकना
*स्वतंत्रता सेनानी श्री शंभू नाथ साइकिल वाले (मृत्यु 21 अक्ट
होली मुबारक
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कमजोर से कमजोर स्त्री भी उस वक्त ताकतवर हो जाती है जब उसे,
यादों को कहाँ छोड़ सकते हैं,समय चलता रहता है,यादें मन में रह
एहसास ए तपिश क्या होती है
ज़ाम उल्फत के पिये भी खूब थे।
भोले बाबा की कृप
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
पल दो पल की शोहरतें भी तमाशे जैसी है,
सुनो, मैं सपने देख रहा हूँ
है वक़्त बड़ा शातिर
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
उफ़ ये गहराइयों के अंदर भी,