#drarunkumarshastriblogger
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भूल जाना और भुला देना दोनों का अन्तर समझ लेना एक अ_ प्रयास कर्म है और दूसरा स_ प्रयास कर्म – अ_ प्रयास कर्म प्रारब्ध नहीं बनता और स_ प्रयास कर्म जन्मों जनम पीछा नहीं छोड़ता, ये समझ लेना || दोनों ही नित्य हैं शाश्वत हैं कोई विरला ही इनसे पार होता है| जीवन जीना सभी को कहाँ आता है, असंख्य तो मात्र श्वास लेते और छोड़ते हैं, श्वास का संवहन सीख पाना – कोई विरला ही कर पाता है- विचार किजिये, कोई कोई इसके पार हो पाता है ||