Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक 🩷😰
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक 🩷😰
बहुत से सवालात हैं करने को तुमसे ओ मेरी सखी
कभी जमीर जिंदा हो तो मुलाकात कर लेना…
कभी ऊब जाओ मेरे से तो सखी किसी और से भी बात कर लेना 😰
बहुत से सवालात हैं करने को तुमसे ओ मेरी सखी
कभी जमीर जिंदा हो तो मुलाकात कर लेना…
मैं नहीं चाहता हूं तुमको बांध कर रखना।
कभी हो उदास मन आत्मा और दिल
तो हमको भी याद कर लेना ।
बहुत से सवालात हैं करने को तुमसे ओ मेरी सखी
कभी जमीर जिंदा हो तो मुलाकात कर लेना…
मै जिन्दा ही हूं तेरी खुशी के लिए और देख कर तुझको छूते नित नए आयाम ए व्योम सुता।
कभी आसमान की ऊंचाइयों में परवाज़ भरते इस गरीब की याद आए तो ……
ज़रा गर्दन झुका के भी देख लेना ।
मैं इंतज़ार में रहूंगा कयामत तक।
तू आए या के ना आए ।
बहुत से सवालात हैं करने को तुमसे,,,
कभी जमीर जिंदा हो तो मुलाकात कर लेना…
🫶😰🩷