हुस्न है नूर तेरा चश्म ए सहर लगता है। साफ शफ्फाफ बदन छूने से भी डर लगता है।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
चलो गगरिया भरने पनघट, ओ बाबू,
लेती है मेरा इम्तिहान ,कैसे देखिए
मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
ऋषि मगस्तय और थार का रेगिस्तान (पौराणिक कहानी)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तुमने तोड़ा मौन, बातचीत तुम ही करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
पीकर चलना नारियल , करना तू प्रयास ।
Udaan Fellow Initiative for employment of rural women - Synergy Sansthan, Udaanfellowship Harda
बथुवे जैसी लड़कियाँ / ऋतु राज (पूरी कविता...)
Right now I'm quite notorious ,
*आओ देखो नव-भारत में, भारत की भाषा बोल रही (राधेश्यामी छंद)*
जिनके अंदर जानवर पलता हो, उन्हें अलग से जानवर पालने की क्या
दगा और बफा़
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
शादी के बाद भी अगर एक इंसान का अपने परिवार के प्रति अतिरेक ज
*Love filters down the soul*