ज़िंदगी में इक हादसा भी ज़रूरी है,
प्रेम का असली सौंदर्य तो प्रतीक्षा में दिखता है, जहां धैर्य
घाव
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
जिंदा रहना सीख लिया है
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मैं घर का मेंन दरवाजा हूं।
किसी भी स्त्री का उत्पीड़न न करें क्योंकि प्रत्येक स्त्री एक
गीत- पिता संतान को ख़ुशियाँ...
मुझे किसी से गिला नहीं है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
संयुक्त कुटुंब पद्धती-दुख का दरिया (वाद विवाद प्रतियोगिता)
गुस्सा सातवें आसमान पर था
*वाह-वाह क्या बात ! (कुंडलिया)*