आज़ सच को भी सच बोल दिया मैंने,
जिन्दा हूं जीने का शौक रखती हूँ
बात के हो जादूगर इस अदा से उल्फत है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
49....Ramal musaddas mahzuuf
एक दिन एक बुजुर्ग डाकिये ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हु
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
#हम यह लंका भी जीतेंगे
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
भाषा और व्याकरण (Language and grammar)
*कहॉं गए वे लोग जगत में, पर-उपकारी होते थे (गीत)*
कस्तूरी (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
दिन को रात और रात को दिन बना देंगे।
मुरधर मांय रैहवणौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
आसान नहीं होता घर से होस्टल जाना
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
जिंदगी में अगर आपको सुकून चाहिए तो दुसरो की बातों को कभी दिल
■ अखंड भारत की दिशा में प्रयास का पहला चरण।