"आए हैं ऋतुराज"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मैंने, निज मत का दान किया;
जिनकी फरमाइशें पूरी करने में,
कैसे हो गया बेखबर तू , हमें छोड़कर जाने वाले
हम में,तुम में दूरी क्यू है
"प्यार के दीप" गजल-संग्रह और उसके रचयिता ओंकार सिंह ओंकार
हसरतों की राह में, यूँ न खुद को खोते रहो,
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आँखें कुछ ख़फ़ा सी हो गयी हैं,,,!
#तेरा इंतज़ार है
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी