MUSKAAN YADAV Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid MUSKAAN YADAV 31 May 2024 · 1 min read वातावरण वातावरण हवा के झोकें से , पत्तों का नाचना I पानी की बूँद पड़ते ही , मिटटी की मनमोहक सुगंद फैलना I सुबह की निंदिया में, चिड़ियाँ का चहचहाना I... Poetry Writing Challenge-3 2 87 Share MUSKAAN YADAV 31 May 2024 · 1 min read आदमी आदमी आदमी ही आदमी पर वार करता है I जंग का ऐलान करता है I आज की दुनिया में राक्षश जरूरी नहीं , मनुष्य ही खुशियों का नाश करता है... Poetry Writing Challenge-3 4 47 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read सब कुछ सब कुछ क्या चाहिए ज़िंदगी में और खुशियों के आलावा ? कह सके परिवार जिसे अगर वो भी मिल जाए क्या बाकि है जीवन में जब हर आस पूरी हो... Poetry Writing Challenge-3 2 82 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read मज़दूर मज़दूर मैं गरीब ज़रूर पर लाचार नहीं, मुझ पर इलज़ाम कई , चाहे वो बेबुनियाद सही l कही चोर , कही लालची बना , और यही उदासी का कारण रहा... Poetry Writing Challenge-3 108 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read नारी नारी सामाजिक कायदे में दबी हुई , दुर्लभ बेचारी हैं l परिवार का बोझ उठाना, मनो उसकी जन्मसिद्ध ज़िम्मेदारी हैं l नाजुक कन्धों पर , बल का प्रभाव पड़ा भारी... Poetry Writing Challenge-3 57 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read माटी माटी माटी का मोल सीखों, उन वीर जवानों से l जो इस पर कुर्बान हुए , उन हिम्मतवालों से l मोल माटी का भारी था , की जान गवाँ दी... Poetry Writing Challenge-3 57 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read धनपत राय धनपत राय फटे जूते पहना, शक्ल उतरी-सी , मूछों का गहना l वो कुरीतियों पर नकेल कसता-सा , उजले सितारे की तरह चमका-सा, अलग नज़र आता है l जनता का... Poetry Writing Challenge-3 2 92 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read मेरे सपने मेरे सपने यह मेरे सपने है, जल्दी टूटेंगे नहीं I और वादा है इनका मुझसे कि कभी रूठेंगे नहीं , जो रूठ गए तो मना लूँगी I हार की कड़वी... Poetry Writing Challenge-3 79 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read बच्चे बड़े होते जा रहे हैं .... बच्चे बड़े होते जा रहे हैं ... बच्चे बड़े होते जा रहे हैं .... गुड्डा-गुड़िया भूल भूलाकर, मारपीट मैं हाथ बढ़ा रहे हैं l किसी को चोट लगी, किसी का... Poetry Writing Challenge-3 54 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read पेड़ पेड़ पेड़, मैं डटकर खड़ा ! आंधी, तूफ़ान की लड़ाई से खूब लड़ा .. साथी सहारी जुट गए, तो कुछ रास्ते पर ही छूट गए , सरकार फिर भी न... Poetry Writing Challenge-3 60 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read गंगा गंगा मैं पवित्र पूजनीय गंगा हूँ ! शीतल जल मेरा बहती में पर्वत से, मंदिर घर मेरा l पवित्रता की देवी मैं, गौरवमय मस्तक मेरा, मैं ही तो घर मतस्या... Poetry Writing Challenge-3 52 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read मेरे सपनो का भारत मेरे सपनों का भारत मेरे सपनों के भारत में आज़ादी बेशुमार है , खुशियाँ बेअनुमान है न जात-पात, न रंग-रूप पर अभिमान है ईमानदारी, शिष्टाचारी, दृढ़ता का ही स्वाभिमान है... Poetry Writing Challenge-3 76 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read आज़ादी आज़ादी आज़ादी का फल तू खा ले ज़रा I क्रांति की ज्वाला झुलसाकर , स्वतंत्रता की जीत मना ले ज़रा I कितनो की कशिश है रंग लाई , काली घटा... Poetry Writing Challenge-3 64 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read गुलाब और काँटा गुलाब और काँटा खूबसूरती की मिसाल हूँ मैं I प्रेमिकाओं के हाथों का ताज हूँ मैं I गुलाबी रंग की त्वचा मेरी , बेमिसाल हूँ मैं I धरती की भूमिका... Poetry Writing Challenge-3 46 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read मेरी अंतरआत्मा थक गई मेरी अंतरआत्मा थक गई है इसे आराम दो ऐ समय ... आने वाली मुश्किलों को ज़रा थाम दो कुछ पल मुझको चैन के बिताने दो मुझे खुद को सवारने दो... Poetry Writing Challenge-3 65 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read हरे कृष्णा ! हरे कृष्णा ! कृष्ण नाम अमर है… अमर है, उनकी अनंत प्रेम कहानी | कान्हा-कान्हा नाम जपत है, जोगिन बानी मीरा रानी | बँसी की आवाज़ पर, गोपियाँ मग्न है,... Poetry Writing Challenge-3 60 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read रानी लक्ष्मी बाई रानी लक्ष्मी बाई हिम्मतवाली घनी , बुद्धिमती रानी थी, जिस वतन पर किए उसने जतन l वो धरा बड़ी किस्मतवाली थी, जहाँ भी पग पड़े .. वह उद्धार हुआ l... Poetry Writing Challenge-3 73 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read बच्चे बच्चे मेरी आँखों को भाता है बच्चों का खिलखिलाता चेहरा मेरे देह को छूं जाती है उनकी कोमल त्वचा l गुलाबी होठ है, और छोटे-छोटे हाथ इन मोतियों-सी आँखों ने... Poetry Writing Challenge-3 44 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read मुखोटा मुखोटा पहले के लोग थे भले जिनके चेहरे असलियत बयाँ करते थे भोले-भाले इरादे और आईने की शख्सियत के मालिक है वो जो नकाब या मुखोटे से बचकर रहा करते... Poetry Writing Challenge-3 41 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read मैं क्या खाक लिखती हूँ ?? मैं क्या खाक लिखती हूँ ?? कलम खुद चल जाती है .. अंदर की तकलीफ़ बयाँ होकर नई कविताएँ अपने आप बन जाती है l कलम न पकड़ लूँ जब... Poetry Writing Challenge-3 60 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read मेरे भगवान मेरे भगवान मान लीजिए किसी मुश्किल में आप फस गए, तो कौन साथ निभाएगा ? न होगा रिश्तेदार, न परिवार से कोई जो आपकी नईया पार कराएगा l तब किससे... Poetry Writing Challenge-3 61 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read तस्वीर तस्वीर मासूम चेहरे पर , घुँघराले बाल है सुना है आपकी आभा से भी खूबसूरत आपके ख्याल है देख रहा हूँ मैं बाल छूते उन फूलों को जिन पर आप... Poetry Writing Challenge-3 1 50 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read प्राकृतिक कल चिड़िया को चिचियाते अब कहा सुनेगा कोई, पत्तों की सरसराहट, कानों में पड़ गई जिसके भाग्यवान होगा वही गात छू गई हवा, तो पृथ्वी का आशीर्वाद है l उस पल... Poetry Writing Challenge-3 1 50 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read कुछ राहें ऐसी भी ... कच्चे - पक्के रास्तों पर दौड़े चले आते हैं l तलवे घिसे हुए है बच्ची के फिर भी मिलो चल जाते हैं l फटे-पुराने कपड़े गाथा अपनी गाते हैं कि... Poetry Writing Challenge-3 48 Share MUSKAAN YADAV 30 May 2024 · 1 min read जीवन का सार जीवन का सार बच्चे बड़े होकर भूले न परिवार को l व्यर्थ समय है लड़ना , उसपर न विचार हो l जीवन वही सुहाता है , जिसमे “मैं”नहीं बल्कि “हम”... Poetry Writing Challenge-3 55 Share