Shweta Soni Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read आपके लिए तुम जीवन में आए मेरे बसंत बनकर आभार तुम्हारा.... 🌹 सब संघर्षों.. सब दुःखों का अंत बनकर... आभार तुम्हारा... 🌹 Poetry Writing Challenge-3 1 34 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read आँख पर आँख पर क्या कहूँ...अब कोई गलती हुई तो आँख ना उठाई गई किसी का धोखा खाया आँख खुल गई डराया और धमकाया आँख दिखा कर हीं तो क्रोध में आँख... Poetry Writing Challenge-3 2 74 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read बचपन जब भी याद आता है यदि होता किन्नर नरेश में उठो लाल अब आँखें खोलो बचपन जब भी याद आता है ये कविताएं याद आती हैं... ती ती ती ती घघ्घो रानी चिड़िया उड़ की... Poetry Writing Challenge-3 1 32 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read हरसिंगार झर गए हरसिंगार झर गए स्वप्न सभी इन आँखों के विस्मृत सा कर गए समय देख मेरा भारी सब ही मुकर गए जो भी गुजरे पीड़ाओं से जीवन से तर गए बहुत... Poetry Writing Challenge-3 1 36 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read वंश चलाने वाला बेटा हाँ, खुश हूँ मैं हुई है बेटी रौनक घर की चिड़िया,गुड़िया, मेरी बिटिया पापा बोले, हाँ खुश हूँ मैं ज्यादा थोड़ा हुई है बेटी मेरा सुख दुःख सुनने वाली चिंताओं... Poetry Writing Challenge-3 1 2 52 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read लेखनी से आगे का स्त्रीवाद स्त्री आज भी ठिठकती है, दहलीज़ पर उदास होती है खिड़कियों के पीछे, निराशा घेरती है उसे अपने हर प्रथम प्रयास में, हताश हो जाती है वो आगे बढ़ने से... Poetry Writing Challenge-3 60 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read . मत देना पंख . मत देना पंख अपनी ख्वाहिशों को मत करना साहस अपनी इच्छाओं की दरिया को पार करने का मत बढ़ाना पहला कदम अपनी पहचान बनाने की ओर पहला कदम हो... Poetry Writing Challenge-3 1 24 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read विवाह के वर्षगाँठ पर आओ फिर से नए वर वधू बनके वह पल छिन जी लें आओ फिर से स्मृतियों में वे विवाह के दिन जी लें नई-नई दुल्हन बनके मैं शर्माई सकुचाई थी... Poetry Writing Challenge-3 1 35 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read हुक्म हवाओं को मिला है हुक्म ये कि उस जानिब नहीं बहना उन्हें जिधर उम्मीद का बादल घिरा है सितम कैसा हवाओं पर हुआ है लहर को छू नहीं सकती घटा... Poetry Writing Challenge-3 45 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read जोड़ना क्या,छोड़ना क्या नेह के नातों में करना क्या गुणा और जोड़ना क्या पहले से छूटे हुए रिश्तों को फिर से छोड़ना क्या.. Poetry Writing Challenge-3 56 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read रीत कहांँ अब जीने की बोलो.. वैसी रीत कहांँ... सब संबंधों के पीछे है स्वार्थ छुपा कारण बिना निभाने को है प्रीत कहांँ हँसे और खेलें,बतियाएं,शर्त लगे बचपन वाले बच्चों से मनमीत... Poetry Writing Challenge-3 34 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read अंधकार फैला है इतना उजियारा सकुचाता है अंधकार फैला है इतना उजियारा सकुचाता है जाते-जाते अंतर्मन में दुःख सा कुछ भर जाता है.. आँख के आँसू सूख नहीं पाते हैं दुख आ जाता है कैसा निष्ठुर कैसा... Poetry Writing Challenge-3 53 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read वह आखिर क्यों मर गई कहीं भी दुनिया के किसी हिस्से में अगर… वह.. झूल जाती है पंखे से जल जाती है आग में पी लेती है ज़हर तो कहीं भी दुनिया के किसी हिस्से... Poetry Writing Challenge-3 1 27 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read संवेदनशील हुए बिना बहुत आवश्यक है , संवेदना का होना कवि होने के लिए, ,संवेदना विहीन कवि फूलों पर लिख सकता है फूलों पर बैठी हुई तितली पर नहीं लिख सकता, पानी पर... Poetry Writing Challenge-3 1 69 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read स्त्रियाँ काम पर जाती हुई स्त्रियाँ.. काम से आती हुई स्त्रियाँ.. काम से काम पर हीं दोबारा भाग कर आती हुई स्त्रियाँ.. घर.. रसोई से कार्यालय तक जूझकर आती हुई स्त्रियाँ... Poetry Writing Challenge-3 51 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read कभी-कभी कभी-कभी बंजर धरती भी सोना देने लगती है कभी-कभी काँटों में भी तो खिल जाया करते हैं फूल कभी-कभी हम सोचते कुछ हैं, कर जाते हैं पर कुछ और कभी-कभी... Poetry Writing Challenge-3 43 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read मैं क्या जानूँ उस अरूप को मैं क्या जानूं.. जो समक्ष आता ही नहीं उस निराकार को क्या पहचानूं.. स्नेह अगाध परंतु उसको प्रियतम भी मैं कैसे मानूं.. पीर नीर बन बरस रहा... Poetry Writing Challenge-3 37 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read युद्ध लड़ेंगें जीवन का एक हाथ में रखेंगें हम कलछी... चिमटा.. और बेलन... एक हाथ में कलम पकड़ के युद्ध लड़ेंगें जीवन का ✍️✍️ Poetry Writing Challenge-3 1 54 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read मन वैरागी हो जाता है जब बैठी वह छत पर आकर या आँगन में या छज्जे पर फिर देख उसे यह मन मेरा क्यों अनुरागी हो जाता है मन वैरागी हो जाता है उस चिड़िया... Poetry Writing Challenge-3 48 Share Shweta Soni 2 May 2024 · 1 min read कुछ ना करके देखना सास ससुर की सेवा करने से बच्चों का पालन पोषण करने से अच्छा खाना बनाने से घर को खूब सजाने से घर को जगाने से लेकर सुलाने तक हर काम... Poetry Writing Challenge-3 55 Share Shweta Soni 1 May 2024 · 1 min read देश का भविष्य देखती हूंँ,, जब किसी बच्चे को मैं, फुटपाथ पर सोते हुए… चंद सिक्के खनखनाते डाल देती हूँ, मैं उसकी झोली में.. और बढ़ जाती हूँआगे फिर पलट कर देखती हूँ..... Poetry Writing Challenge-3 1 36 Share Shweta Soni 1 May 2024 · 1 min read एक गीत पात कब तक झरेंगें फूल कब तक खिलेंगें आम की बाग के कच्चे कच्चे बौर कब तक पकेंगें नीम के पेड़ पर घोसलें की आस कब तक सधेंगें मेघ पुरवाईयों... Poetry Writing Challenge-3 1 44 Share Shweta Soni 1 May 2024 · 1 min read बेटियाँ बेटियों को खुलने दिया करो खिलने दिया करो खेलने दिया करो हँसने दिया करो खिलखिलाने दिया करो नाचने गाने दिया करो घर सर पर उठाने दिया करो आजादी से आने-जाने... Poetry Writing Challenge-3 1 34 Share Shweta Soni 1 May 2024 · 1 min read छल जाते हैं हर एक हृदय से अपने लिए हम कटु शब्द ही पाते हैं सब नाते ही छल जाते हैं सब रिश्ते ही ठुकराते हैं अपनापा क्या जाने वो जिसने स्वार्थ हेतु... Poetry Writing Challenge-3 1 49 Share Shweta Soni 1 May 2024 · 1 min read मजदूर जेठ की दुपहरी में तर ब तर पसीने से ईंट सर पे ढोता है कौन इसका होता है स्वप्न धरा रहता है अपना घर बनाने का नींव सबके बोता है... Poetry Writing Challenge-3 1 44 Share