दुर्दशा
खत्म किनारा,स्वाह जिंदगी,बदल गई तस्वीर। मरा धर्म,बढ़ा स्वार्थ, पाप बना बलबीर। 🥲🥲🥲🥲🥲🥲🥲🥲 फैला विष,खत्म काया,मिट्टी हुआ शरीर। दुखित मन,दूषित आत्मा,पंगु हुई तकदीर।। 😊😊😊😊😊😊😊😊 मैला आंचल,कुपित सवेरा,विजय हुआ अंधेरा। रचा षडयंत्र,फंसा...
Poetry Writing Challenge-3 · कविता