Ragini Kumari Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ragini Kumari 28 May 2024 · 1 min read आंखें मन की बात बतलाती आंखें खुशियों को झलकाती आंखें अपनों संग आंख मिलाती आंखें उमंगों में आंख मटकाती आंखें। बिछड़ो को दरस दिखाती आंखें पीड़ा को दर्शाती आंखें गुस्से में... Poetry Writing Challenge-3 2 82 Share Ragini Kumari 27 May 2024 · 1 min read पीछे जिंदगी मुझसे सवाल करती है? मांगती है जवाब, क्या कहूं ? मजबूर थी, लाचारी थी या सच बताऊँ कि मेरे जीतने में, मेरे अपने लोगों की ही हार थी इसलिए... Poetry Writing Challenge-3 82 Share Ragini Kumari 27 May 2024 · 1 min read जिन्दादिली गम कभी हद से गुजर जाए तो देख आईने में चेहरा मुस्कुराया करो, बेवजह जिंदगी को यूं न जाया करो कभी-कभी खुद से भी मिल आया करो, वो तो आते... Poetry Writing Challenge-3 89 Share Ragini Kumari 27 May 2024 · 1 min read हल कर्म करो तो फल मिलता है आज नहीं तो कल मिलता है, जितना अधिक गहरा कुआं हो उतना मीठा जल मिलता है, धीरज रखकर जो नित चलता जाए उसका जीवन... Poetry Writing Challenge-3 1 110 Share Ragini Kumari 27 May 2024 · 1 min read कोई-कोई सबको पसंद अपना चेहरा है रूह को देखता है कोई-कोई, मुस्कुराहट नजर आती है सबको छिपे दर्द को देखता है कोई-कोई, चकाचौंध के पीछे दुनिया पड़ी है मेहनत करता है... Poetry Writing Challenge-3 1 72 Share Ragini Kumari 26 May 2024 · 1 min read बुढापा सोचा था आराम करूंगा बुढ़ापे में ना काम करूंगा सुबह सैर को जाऊंगा सुंदर सा बाग लगाऊंगा। पोती-पोते से मन बहलाऊंगा पत्नी को संग घुमाऊंगा पर जब पास बुढ़ापा आया... Poetry Writing Challenge-3 93 Share Ragini Kumari 26 May 2024 · 1 min read तजुर्बा कभी-कभी लगता है जिंदगी चल नहीं रही है घिसट रही है वह भी मजबूरी के साथ ,ढोना पड़ता है जिंदगी को बहुत कष्ट होती है ऐसी जिंदगी से एक-एक पल... Poetry Writing Challenge-3 95 Share Ragini Kumari 26 May 2024 · 1 min read कुछ और कब चलना है? कब रुकना है? कहां जाना है? मंजिल कौन सी है? अगर यह जान जाते तो कुछ और बात होती..... कुछ समय में रफ्तार थी थोड़ा मुझमें भी... Poetry Writing Challenge-3 127 Share Ragini Kumari 26 May 2024 · 1 min read खामोश दास्ताँ जुबां खामोश है खामोश हीं रहेंगी इन जिगर की दास्ताँ मेरी भीगी पलकें कहेंगी, समझ सके तो समझ लेना हो सके तो कुछ दवा देना। ना दोगे तो और बात... Poetry Writing Challenge-3 137 Share Ragini Kumari 26 May 2024 · 1 min read साथ मम्मी! कभी मेरी भी सुनो ना हमेशा आप ही कहते हो जब देखो समझते हो कुछ ना कुछ बतलाते हो पर मम्मी! कभी मेरी भी तो सुन लो ना नहीं... Poetry Writing Challenge-3 76 Share Ragini Kumari 26 May 2024 · 1 min read अंदाज़ कभी वक्त बदलता है कभी हालात बदलते हैं , आपकी परिस्थिति के अनुसार लोगों के अंदाज़ बदलते हैं जिसकी जैसी जरूरत वैसा उसका रूप, संभाल कर चलना यारों! मलकियत यहां... Poetry Writing Challenge-3 65 Share Ragini Kumari 25 May 2024 · 1 min read चलते चलते ऐ जिंदगी! मुझे जी लेने दे थोड़ा ठहर जा बहुत थक गई हूं चलते-चलते, अनवरत चलते-चलते। ना मंजिल का पता, ना रास्ते का ठिकाना बस चलना है और चलते जाना... Poetry Writing Challenge-3 1 85 Share Ragini Kumari 25 May 2024 · 1 min read अकेलापन अकेलापन होना चाहिए खुद से खुद के मिलने के लिए खुद में खुद को जन्म देने के लिए अंतस की कली खिलने के लिए खुद से प्यार करने के लिए... Poetry Writing Challenge-3 1 60 Share Ragini Kumari 25 May 2024 · 1 min read भरोसा हर समय यूं न रूठ जाया कर कभी-कभी खुद को भी मनाया कर माना लाख कारण है तेरे रूठ जाने के फिर भी सब भूल कर अपने लिए भी जश्न... Poetry Writing Challenge-3 1 54 Share Ragini Kumari 25 May 2024 · 1 min read मनभावन जीवन पापा! कुछ बतलाव ना.... गांव कैसा होता है? कुआं कहां पर होता है? नदियों के पानी में तैरा कर मुझको एक बार नहलाओ ना पापा कुछ बतलाव ना... टीचर कहती... Poetry Writing Challenge-3 2 76 Share Ragini Kumari 23 May 2024 · 1 min read बस्ता और तैयारी सुबह-सुबह ही चल दिए लेकर बस्ता भारी, इनमें वह अनमोल खजाना जो करते जीवन की तैयारी। छोटे-छोटे सपने बुनते करते रहते प्रयास, एक दिन में कुछ ना होता करना है... Poetry Writing Challenge-3 52 Share Ragini Kumari 23 May 2024 · 1 min read फुर्सत की गलियां हो कभी फुर्सत तो खुद से भी मिल आया करो भूली-बिसरी यादों संग कुछ पल तो बिताया करो । खट्टी-मीठी यादें यहां, जीवन की सौगातें यहां जाने कितने लम्हे ठहरे... Poetry Writing Challenge-3 76 Share Ragini Kumari 21 May 2024 · 1 min read क्यों सूरज बादलों के पीछे छिप जाता क्यों है? आदमी अपने ईमान से बिक जाता क्यों है? नदियाँ अपनी धार से मुड़ जाती क्यों है? जिंदगी रफ्तार से डर जाती क्यों... Poetry Writing Challenge-3 29 Share Ragini Kumari 21 May 2024 · 1 min read धुन बहुत क्रोध था, बहुत आक्रोश था, बहुत जोश था, ना कुछ होश था, बस एक धुन थी, कुछ बन जाने की एक जिद थी, कुछ कर गुजर जाने की। समय... Poetry Writing Challenge-3 49 Share Ragini Kumari 21 May 2024 · 1 min read मंजिल और कीमत जिंदगी को रौशन करने के लिए पहले स्वयं को जलाना पड़ता है, धीरज लाख टूटे पर हिम्मत और हौसले को बचाना पड़ता है। सुख के पल होते क्षणिक और मुश्किल... Poetry Writing Challenge-3 1 40 Share Ragini Kumari 21 May 2024 · 1 min read भांति भांति जिन्दगी भांति भांति जिन्दगी अलग अलग अहसास, कोई मौज में जी रहा कोई बटोर रहा आस। सुख-दुख दोनों भाई-बहन बारी-बारी से आयेंगे, कुछ मीठे-खट्टे अहसास कराकर फिर वापस लौट जायेंगे। जीवन... Poetry Writing Challenge-3 2 102 Share Ragini Kumari 21 May 2024 · 1 min read ऐ जिन्दगी कभी नाराज होती है कभी सरताज होती है कभी जीना बताती है कभी मर मिटना सिखाती है अजीब कशमकस सी कहानी है तेरी यह जिन्दगी तू जिंदगी को जिंदगी में... Poetry Writing Challenge-3 3 45 Share Ragini Kumari 21 May 2024 · 1 min read रोज रात जिन्दगी रोज रात जिंदगी एक नए पहलू से रूबरू करवाती है, लगता है कि अब प्रश्नों का अंत हुआ तभी एक नए सवाल उठाती है। सोचता हूं अब ज्यादा समझदार हो... Poetry Writing Challenge-3 2 36 Share Ragini Kumari 20 May 2024 · 1 min read जिन्दगी तू तो बड़ी बेजोड़ है जिंदगी तू तो बड़ी बेजोड़ है सब सहती, फिर तू कब कमजोर है ? कितनी दुःख की घड़ियां आतीं तू ना इससे कभी घबराती फिर तू कब कमजोर है? जिंदगी... Poetry Writing Challenge-3 69 Share Ragini Kumari 18 May 2024 · 1 min read सोशल मिडीया जो कभी खामोश रहते थे वह अब सुनाने लगे हैं खुद के सवाल जिनके उलझे हों दूसरों को जवाब बताने लगे हैं काग़ज़ कलम से दूर दूर तक ना था... Poetry Writing Challenge-3 1 40 Share