नेताम आर सी Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid नेताम आर सी 27 May 2024 · 1 min read हारता वो है हारता वो है, जो शिकायत बार बार करता है। और जीतता वो है, जो कोशिश हर बार करता है। हारता वो है . . . . . . फैसला तुमको... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 125 Share नेताम आर सी 25 May 2024 · 1 min read कली से खिल कर जब गुलाब हुआ कली से खिलकर जब गुलाब हुआ, नाचीज से बढ़ कर जब नायाब हुआ। जुगनू सा, जलता बुझता था आसमान में, तेरी रहमत हो गई ऐ मेरे कुदरत, मैं तो जुगनू... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 98 Share नेताम आर सी 24 May 2024 · 1 min read मजदूरों के मसीहा मजदूरों के मसीहा मसीहा मसीहा, मन मंदिर में बसइया बसइया बसइया। तोला लाल सलाम नियोगी जी। तोला लाल सलाम हे। मजदूरों के मसीहा . . . . . . हक... Poetry Writing Challenge-3 1 115 Share नेताम आर सी 23 May 2024 · 1 min read राजनीतिक फायदे के लिए, तुम मुकदर्शक हो गये तो अनर्थ हो जाएगा राजनीतिक फायदे के लिए, तुम मुकदर्शक, हो गये तो अनर्थ हो जाएगा। हम अपने सुरक्षा के लिए, कहीं हथियार, रख लिये तो अनर्थ हो जाएगा। राजनैतिक फायदे के लिए .... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 90 Share नेताम आर सी 22 May 2024 · 1 min read तुम इतने आजाद हो गये हो तुम इतने आजाद हो गये हो, कि दूसरों को गुलाम समझ लेते हो। इंसानियत को मारकर , पार्श्विक की महफिल सजा लेते हो। तुम इतने आजाद . . . .... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 77 Share नेताम आर सी 21 May 2024 · 1 min read ये दुनिया बाजार है ये दुनिया बाजार है, यहां सब बिकता है। अंदर झांक कर तो देखो, पारखी नजरों से, यहां सब दिखता है। ये दुनिया बाजार है . . . . . .... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 84 Share नेताम आर सी 21 May 2024 · 2 min read आंदोलन की जरूरत क्यों है जब सरकार, अच्छे दिन का सपना दिखा रही है। तो फिर आंदोलन की जरूरत क्यों है? आंदोलन की जरूरत इसलिए है, क्योंकि सरकार जनता की आड़ में, पूंजीपतियों की अच्छे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 77 Share नेताम आर सी 20 May 2024 · 1 min read मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है मुझे तो, मेरी फितरत पे नाज है, कि दुश्मन भी मुझे दुआ दे देते हैं। मैं तो किस्मत पे भी भरोसा नहीं करता, क्योंकि दोस्त भी मुझे दगा दे देते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 76 Share नेताम आर सी 19 May 2024 · 1 min read अंजानी सी गलियां अंजानी सी गलियां मुझे, न जाने क्यों, जानी पहचानी सी लगने लगी है। एक साया परियों के जैसी, आंखों में मेरे, झिलमिलाने लगी है। क्या इसी को मुहब्बत कहते हैं?... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 116 Share नेताम आर सी 18 May 2024 · 1 min read ऐ .. ऐ .. ऐ कविता ऐ .. ऐ .. ऐ कविता, मुझे कवि बना के ही छोड़ोगी। वीर हास्य व्यंग श्रृंगार, करूणा के दिशा में ही मोड़ोगी। ऐ .. ऐ .. ऐ कविता . .... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 106 Share नेताम आर सी 17 May 2024 · 1 min read मेरे फितरत में ही नहीं है मेरे फितरत में ही नहीं है, मैं किसी का भी इस्तेमाल करूं। बचा लुंगा मैं उसे, चाहे क्यूं न मैं मरूं। मेरे फितरत में ही नहीं है . . .... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 96 Share नेताम आर सी 17 May 2024 · 1 min read संघर्ष और निर्माण जो कभी संघर्ष से परिचित नहीं होता.. इतिहास गवाह है। वह कभी चर्चित ही नहीं होता। जो कभी संघर्ष से परिचित . . . . . . कौन जानेगा तुम्हें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 84 Share नेताम आर सी 16 May 2024 · 1 min read ऐसा एक भारत बनाएं आओ ऐसा एक भारत बनाएं, हम मजदूर क्रांति की मशाल जलाएं। आओ ऐसा एक . . . . . . शोषण अत्याचार का, न नामो निशां होगा। मजदूर किसानों का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 99 Share नेताम आर सी 16 May 2024 · 1 min read श्रद्धांजलि हिमालय सा, ऊंचा था उसका हौसला। चुटकियों में कर लेता था, जटिल से जटिल, समस्याओं का फैसला। समुद्र की, लहरों से भी, वो तेज था। चट्टानों की भांति, अडिग और... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 67 Share नेताम आर सी 15 May 2024 · 1 min read तेरे मेरे बीच में, तेरे, मेरे बीच में, ये दूरियां तेरी आंखों ने बढ़ा दिया है। ये फासले कम भी हो सकते थे, लेकिन तेरी बेरुखी बातों ने, दिलों के फासले और बढ़ा दिया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 110 Share नेताम आर सी 15 May 2024 · 1 min read बोलो राम राम बोलो राम राम सिया राम, लखन जी, राम राम सिया राम। राम कहेंगे सिया राम कहेंगे, भजेगें सुबहो शाम। बोलो राम राम सिया . . . . . . हाथ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 86 Share नेताम आर सी 14 May 2024 · 1 min read हम तुम्हारे हुए हम तुम्हारे हुए, तुम हमारे हुए। हम तुम्हारे तुम्हारे तुम्हारे हो गये, तुम हमारे हमारे हमारे हो गये। हम तुम्हारे हुए . . . . . . बीच दरिया में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 61 Share नेताम आर सी 14 May 2024 · 1 min read मैंने एक चांद को देखा मैने एक चांद को देखा, जो अंधेरा ही अंधेरा था। जिसकी न सुबह होती थी, बस अंधेरा ही अंधेरा था मैंने एक चांद . . . . . . आंख... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 94 Share नेताम आर सी 13 May 2024 · 1 min read जनता का पैसा खा रहा मंहगाई जनता का पैसा खा रहा महंगाई, जागो रे बहना जागो रे भाई । मजदूर किसान जागो रे, युवा नौजवान जागो रे। देश के गद्दार बन रहें हैं कसाई जनता का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 94 Share नेताम आर सी 13 May 2024 · 1 min read संवेदनाएं जिंदा रखो इसीलिए तो कहता हूं, संवेदनाएं जिंदा रखो। संवेदनाएं . . . . . . किसी की दुःख, किसी की तकलीफ का, तुम्हें एहसास नहीं होता, तो, तुम जिंदा लाश हो।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 83 Share नेताम आर सी 12 May 2024 · 1 min read आहवान चलो रे साथी, धरके लाठी चलेंगे सीना तान के। न्याय और अधिकार के लिए लड़ेंगे, दुश्मन को पहचान के। चलो रे साथी . . . . . . न कोई... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 77 Share नेताम आर सी 12 May 2024 · 1 min read संवेदना “संवेदना” ******** मैं सोच में हूं, क्या संवेदना बचीं है। हमें अपने से ज्यादा, गैरों के सम्मान की फिक्र होती थी। आज दूर्भावना इतनी है, कि मैं सोच में हूं,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 91 Share नेताम आर सी 11 May 2024 · 1 min read होली आने वाली है होली आने वाली है, चलो इस बार, हर दिलों से, अमानवीय भेदभाव को ही जला दें। नफरत की दीवार, जो खड़ी की जा रही है, चलो इस बार, हम सब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 87 Share नेताम आर सी 11 May 2024 · 1 min read पुलिस की चाल ऐसा तो है चाल पुलिस का, ऐसा तो है चाल। ऐसा तो है. . . . . . चोर को कहते हैं चोरी करो, और लोगों को कहते हैं जागते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 131 Share नेताम आर सी 11 May 2024 · 1 min read एक मशाल तो जलाओ यारों एक मशाल तो जलाओ यारों, सदियों से यहां अंधेरा है। अंधविश्वासों के मकड़जाल ने, पूरे समाज को ही घेरा है। एक मशाल तो . . . . . . मनगढ़ंत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 98 Share