NAVNEET SINGH Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read पलाश के फूल छोड़ जाता हूँ रोज गुमनाम खत उनके नाम धूप हवाओं के पास इस उम्मीद में कि वो समझ ले क्यों है तपिश आज धूप में, हवायें रुक-रुककर क्यों बह रही... Poetry Writing Challenge-3 60 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read सादापन कर दू न्यौछावर खुद को तेरी एक मुस्कान की खातिर। क्या कहूॅ और मैं जानेजां मैं तुझपर फिदा हूॅ। तुम्हारे प्रेम में, पुर्णतया समाहित होकर कर रहा इन्तजार कि तुम... Poetry Writing Challenge-3 79 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read दीदी छोड़ दिया लड़ना, मुॅह बिराना भी छोड़ दिया, भूल गयी कुलाचे मारना, मेरे घर की बछिया। छोड़ दिया बोलना जोर से, जोर से रोना भी छोड़ दिया, रोती तो अब... Poetry Writing Challenge-3 63 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read तुम और मैं पैसे से तुम मेरी रात खरीद सकते हो मजबूरी खरीद सकते हो मेरी जिस्म भी, लेकिन रूह कतई नहीं उसके लिए तो तुम्हें प्यार करना पड़ेगा... मुझसे| Poetry Writing Challenge-3 81 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read करते हैं कत्ल कुछ प्रश्न जो तैर रहे मस्तिश्क पटल पर। खड़े है कठघरो में, अपने ही लोग। उलझनें भी है कि साथ देकर प्रियतम का सहें जुल्मों सितम सारे। या कर दे... Poetry Writing Challenge-3 99 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read निर्णय चार अक्टूबर मेरा जन्मदिवस हर साल आता नये उमंग, नयी उम्मीद नया उत्साह साथ लेकर देते बधाईयाँ सभी स्वजन स्वयं मिल या अपने संदेषो से। लेकिन खड़ा पाता जब स्वयं... Poetry Writing Challenge-3 68 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read शुरूआत मैंने कहा बात करनी है उसने कहा मुझे नहीं करनी कुछ बात इसी तरह से एक दुख:द शुरूआत की सुखद अंत हुआ था| Poetry Writing Challenge-3 67 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read स्वप्न मेरे हाथो में आज रात मेरी लाश थी समझ ना पा रहा था रोऊँ अपनी मौत पर या मना लूं जश्न आज फंतासी दुनिया छोड़ने का मैं मर चुका था... Poetry Writing Challenge-3 62 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read इंतजार बच्चे खेल रहे थे दिन को ढलता जाता देख काप उठी थी फिर से मैं यह सोच सब छुट जायेगा पीछे समय की गहराईयों मे डूब मेरे ह्रदय के असीम... Poetry Writing Challenge-3 104 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read चलते-चलते चलते-चलते कभी पाव फिसल कर गिर जाने पर लोगो के चेहरे से हसी स्वत: ही फूट पड़ती उनकी हसी में हसी नहीं हसी रहती मेरी बावजूद इसके कभी ध्यान नहीं... Poetry Writing Challenge-3 58 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read क्या बात है!!! क्या बात है!!! कहते सभी उसकी हर बात पर इतनी प्यारी बात ही करती थी वो मिठास घुले हुए थे हर शब्द में हर कोई पीना चाहता था इस रस... Poetry Writing Challenge-3 44 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read एक उम्मीद छोटी सी... रुक गयी हसी, हसते चेहरे की लगाई डाँट जब, प्राणबल्लभ ने जा बैठा फिर अन्तःमन, सिमटकर एक कोने में, था विचरता जो कभी, स्वछन्द भाव से। सूख सी गयी गंगा,... Poetry Writing Challenge-3 44 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read मेरी स्मृति... आज वह मेरे साथ नहीं महसूस करता हूँ कि ताउम्र करती रही, तलाश वह अपने अस्तित्व की। मासूम सी वह छिपी बैठी रहती थी, अपने ही मन के अंधेरो में... Poetry Writing Challenge-3 41 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read निमन्त्रण पत्र कुछ दे रहें संज्ञा मौन का कुछ खामोशी इसे बता रहे जबकि है वास्तव में है यह.... मेरी शब्द-यात्रा शामिल होगें ना आप.... लेने को छलकियाँ सुनने को खामोशी इसकी... Poetry Writing Challenge-3 39 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read निशब्द आज तुम्हारे पास कई 'जबाब' है और मेरे पास कोई 'सवाल' नहीं है Poetry Writing Challenge-3 35 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read आखिरी ख़्वाहिश मैं तुमसे कुछ नहीं चाहता सच में कुछ नहीं चाहता लेकिन अगर जिद है तुम्हारी मुझे कुछ देने की तो सौप तो तुम मुझे मेरे हिस्से की नफ़रत जो तुम्हारे... Poetry Writing Challenge-3 65 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read प्रतिनिधित्व मैं करना चाहता हूं प्रतिनिधित्व उन सभी शब्दों का जिन्हे रख छोड़ दिये गया हैं अर्थहीन मान समय के हाशिये में। Poetry Writing Challenge-3 78 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read आज कहानी कुछ और होती... हिम्मत थोड़ी और दिखाई होती तो, आज कहानी कुछ और होती। नफरत करता रहा ताउम्र वो थोड़ा प्यार दिखा दिया होता तो, आज कहानी कुछ और होती लाख गलतिया कर... Poetry Writing Challenge-3 54 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read अधूरेपन का मसला तुम्हे देखता हूॅ, रोज मैं बनाते हुए एक सुन्दर तस्वीर। गौर कि मैने हमेशा, एक ही बात तुम रोज एक नयी तस्वीर बनाती, और उसे अधूरा छोड़ जाती। फिर अगले... Poetry Writing Challenge-3 50 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read प्रेम प्रस्ताव मुझे नहीं पता आज यह सुन इसे तुम नाचोगे झूम-झूम के या फिर हो जायेगा मोह भंग तुम्हारा, मुझसे। तुमसे आज यह नहीं कहूॅगा कि कर दूगॉ एक चॉद तारो... Poetry Writing Challenge-3 57 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read आखिर कैसे हो क्या तुम ... जान लेते कैसे अनकही बातो को। समझ नहीं आ रहा कहूॅ तुझे क्या मैं आवारा या पागल। आखिर कैसे सुलझा लेते हो तुम अनसुलझी यादों को। Poetry Writing Challenge-3 32 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read मैं जा रहा हूँ......... आज मैं जा रहा हूॅ कुछ तुम्हारी हसीं कुछ अपने आसूॅ समेटकर सागर से दूर । हैं आज भी प्यासे अधर गुजारे जबकि लम्हे बहुत, साथ तेरे और दिल से... Poetry Writing Challenge-3 69 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read उम्मीद मैं चला मिलने तुझसे ही पर मिल नहीं पाया लिफाफा था.. ये मालूम था मुझे पर मैं ये भूल गया मुझ पर किसी ने अपना पता नहीं लिखा था Poetry Writing Challenge-3 34 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read सम्बोधन काले घनघोर बादलो के नीचे निर्भीक खडे, पलाश को देख याद आया पहला प्यार यही पर आस्तित्व में आया ठीक अगले ही क्षण सभी ने संज्ञा दे दी 'अनस' को... Poetry Writing Challenge-3 33 Share NAVNEET SINGH 2 May 2024 · 1 min read कत्ल आईना सारे बहा दिया था उसने अपने आशूओं से, अपने मरने के पहले ही, अफसोस मैंने उसे मरते हुए तो जरुर देखा लेकिन उसे मारने वाले का नहीं। Poetry Writing Challenge-3 50 Share