Namita Gupta Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Namita Gupta 5 May 2024 · 1 min read अपनी मिट्टी की खुशबू आज भी अपने गांव की मिट्टी मन को बहुत लुभाती है। रह-रह कर यादों में बरबस खींच मुझे ले जाती है।। गांव , खेत, खलिहान छोड़कर दूर देश क़ो आई... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 3 134 Share Namita Gupta 5 May 2024 · 1 min read मत बॉंधो मुझे मत बांधो हवाओं को अपनी बांहों के घेरे में उड़ लेने दो ..... समय की गति के साथ ! खींचने दो कागज पर ऑडी- तिरछी रेखाएं या ,रंग-बिरंगी, बदरंग चित्रकारी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 3 74 Share Namita Gupta 5 May 2024 · 1 min read शुभारंभ करें शुभारंभ करें !! आओ! हम शुभारंभ करें ! भूले हुए संस्कारों का, अमर्यादित भाषा ,विचारों का, विस्मृत हुए इतिहास का , लुप्त हुई सभ्यताओं का ! पुन: शुभारंभ करें !!... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 67 Share Namita Gupta 5 May 2024 · 1 min read क्यों ख़फ़ा हो गये वफ़ा करके भी वो बेवफ़ा हो गए । सगे होकर भी हमसे ख़फ़ा हो गए।। ज़ख्मों पर छिड़कते नमक जानकर, तेज इतनी खलिश दर्द जवां हो गए । मां पिता... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 54 Share Namita Gupta 5 May 2024 · 1 min read आज बुढ़ापा आया है भरी जवानी बीत गयी, फिर आज बुढ़ापा आया है। झुक गए कांधे, तन शिथिल,सलवटों का सरमाया है।। कल था जिन्हें दिया सहारा,पाला पोसा बड़ा किया। कांधे पर उनको बैठाकर,खुद से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 95 Share Namita Gupta 5 May 2024 · 1 min read मौन आमंत्रण जब तुम कहते हो चुपके से कानों में रस घुल जाता............. प्रीति की मद भरी आंखों में और शरारत गहरा जाता.......... तुम कुछ नहीं बोलती किंतु तुम्हारा मौन बोलता ............... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 56 Share Namita Gupta 5 May 2024 · 1 min read मिलते नहीं ख्यालात मेरे क्या क्या न हुआ जिंदगी में संग देखो घात मेरे। घुट रहा है दम हमारा देखकर आघात मेरे।। आशाएं दम तोड़ती है देख कर प्रतिकार को, कब भला समझा जहां,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 75 Share Namita Gupta 5 May 2024 · 1 min read शून्य का अन्त हीन सफ़र जीवन के अंतहीन सफर में जब शून्यता का बोध हृदय को उद्वेलित करने लगे तब मस्तिष्क के भृकुटि के मध्य में ध्यान कर सुषुम्ना नाड़ी से विचरते हुए कुंडलिनी को... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 55 Share Namita Gupta 4 May 2024 · 1 min read कुछ अनकही दिल कहना बहुत कुछ चाहता पर कुछ बातें अनकही रह जाती हैं। कभी मिले थे ज़ख्म जो मन को रंजो -गम की घोर तपिश। धीरे धीरे बीते लम्हें मरहम का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 45 Share Namita Gupta 4 May 2024 · 1 min read बात फूलों की जब करो बात दिल से उसूलों की। तोड़ना ना इन्हें यह बात फूलों की। कांटो में भी रहकर खिलते सदा, फिर न परवाह हैं करते शूलों की।। जिंदगी में कभी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 44 Share Namita Gupta 4 May 2024 · 1 min read कच्ची दीवारें कच्ची दीवारें है घर की कच्चे रिश्ते सारे हैं। वहम से घर की दीवारें,और हिली मीनारें है।। पहले होते थे मतभेद,अब मनभेद हुआ करते, कच्ची हुयी दीवारें जब से, उनमें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 36 Share Namita Gupta 4 May 2024 · 1 min read सस्ता ख़ून-महंगा पानी मानव जीवन की तुम देखो अद्भुत यही कहानी है। लहू यहां पर हुआ है सस्ता, पर, सबसे महंगा पानी है।। जिन आंखों का मरा है पानी यह लहू बहा बेमानी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 56 Share Namita Gupta 4 May 2024 · 1 min read दरकती ज़मीं दरकती जमीं कहें यह पुकार बहुत हो गया बख्स दो मेरे प्रान अभी अतिक्रमण और कितना करोगे मुझे त्राण देकर गरल को भरोगे करो अब ना छलनी, न देना नकार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 86 Share Namita Gupta 4 May 2024 · 1 min read उम्र के फासले वक्त के आगे चले ना जोर अंजाना हो गया। आंधियों के शोर में सहमा सयाना हो गया।। महफिलें,रौनकें भी और थी अपनी रवायत, छूटता हाथों से जाता कद ही बौना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 46 Share Namita Gupta 4 May 2024 · 1 min read नारी है नारायणी नारी तो है नारायणी,नर से नारी है महान। नव्य रूप नित भव्य ,वो ईश्वर का वरदान।। धर्म-कर्म के पथ आरूढ़ अद्भुत कार्य सुजान। आंचल ममता की छाया,कंप्यूटर कर संधान। सहस्र... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 34 Share Namita Gupta 4 May 2024 · 1 min read तेरी मुस्कान होती है गमों में मुस्कुरा कर भी गले अपने लगाते हैं बहे न आंख से आंसू उन्हें दिल में पी जाते हैं बहारें भी मुझे अपना पता देती है वह लेकिन, न... Poetry Writing Challenge-3 · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता 147 Share Namita Gupta 4 May 2024 · 1 min read कोई समझा नहीं क्या मिला कैसे मिला हालात को समझा नहीं। इस जिंदगी ने दर्द के जज्बात को समझा नहीं।। प्रीत का दीपक जलाकर कालिमा भी छा गयी, प्रेम सर्वोच्च समर्पण कायनात को... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 43 Share Namita Gupta 4 May 2024 · 1 min read सीना तान जिंदा है हमारी आन है भारत भारत हमारी शान जिंदा है समूचे लोक का नायक सकल अरमान जिंदा है। करो ना जाति,भाषा और मज़हब की मिनारों में, बंधे सब एक माला में... Poetry Writing Challenge-3 38 Share Namita Gupta 4 May 2024 · 1 min read हमारे राम आये है पतित पावन अभिनंदन सकल गुण धाम आए हैं। सजी स्वागत अयोध्या धाम, मेरे श्री राम आए हैं।। पावन है भारत भूमि जहां चरणों की रज पहुंचे, परम सौभाग्य है मेरा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 41 Share Namita Gupta 3 May 2024 · 1 min read मजदूर छेनी,हथौड़ी,हल और कुदाली साथ लाये हैं। करे जी जान से मेहनत नसीबा हाथ आये है।। करो जितना परिश्रम भी नहीं मिलती सही कीमत, मिले दो वक्त की रोटी खुदा कितना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 87 Share Namita Gupta 3 May 2024 · 1 min read नकाब खुशी का सच छुप गया है झूठ के हिजाब में। विश्वास खो चुका है रात के ख्वाब में ।। मर्म की समझ नहीं,ज्ञान सभी दे रहे, वैमनस्य पाठ लिखा,किस किताब में। तर्क... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 1 56 Share Namita Gupta 3 May 2024 · 1 min read सूरज का ताप जल रही धरा शहर और गांव में तप रहा है सूर्य पूरे ताव में! सूखता है कंठ मिले नहीं छांव भी, कठिन चलना पथिक का छाले हुए हैं पांव में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 114 Share Namita Gupta 3 May 2024 · 1 min read मधुमास लहर लहर वृक्षों पर छाया ऋतुराज है। झूम रही डाली सर्वत्र बिखरा उल्लास है।। मां शारदे!ज्ञान दाता धवल वस्त्र धारणी, मातु नमन! वरद हस्त पुलक अहसास है। फूल रहे आम्र... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 49 Share Namita Gupta 3 May 2024 · 1 min read शिव वन्दना शिव शंभू भोलेशंकर जी , तेरा ध्यान लगाऊंगी! ओंकार के उच्चारण से, ब्रह्मांड का नाद सुनाऊॅंगी!! हे!शेष महेश श्यामल परिवेश सुत कार्तिक और गणेश! सुता हिमालय मॉं पार्वती पूजित आदि... Poetry Writing Challenge-3 1 75 Share Namita Gupta 2 May 2024 · 1 min read जिंदगी की दास्तां,, ग़ज़ल जिंदगी की दास्तां खुशनुमा कुछ अलहदा! तेरे वास्ते ही जी रहे तू रब कहे या ख़ुदा !! खुश्बुएं- बहार है चमन-चमन, गली-गली, लम्हों की याद दिला,आज भी देंते सदा! जिंदगी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 112 Share