Madhu Shah Poetry Writing Challenge-3 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Madhu Shah 20 May 2024 · 1 min read मेरा तकिया सृष्टि की कोई रचना बेजान नहीं होती मैं और मेरा तकिया रोज बातें करते हैं जिसकी गोद सर रखकर मैं दसों घंटे गुजारती हु मेरे आत्मीय संवादों को दिल से... Poetry Writing Challenge-3 · गोद · तकिया · नींद · रात · सृष्टि 2 110 Share Madhu Shah 20 May 2024 · 1 min read बसंत पंचमी देखो केसरिया चुनर से सारी धरती सज आई बसंत पंचमी आई पीली पीली सरसों देख धरती भी मुस्काई टेसू छटा बिखेर रहे थे तितलियां बागों में आई रंग बिरंगे फूल... Poetry Writing Challenge-3 · केसरिया · कोयल · चूनर · बसंत · सरसों 2 78 Share Madhu Shah 20 May 2024 · 1 min read अनकहा जिंदगी में बहुत कुछ कहा जिंदगी में बहुत कुछ सुना फिर भी कुछ अनकहा रहा इस कहे और अनकहे के बीच एक है दरार जिसे पाटती है मेरी कविता जो... Poetry Writing Challenge-3 · अनकहा · आंखों · कविता · जिंदगी 2 89 Share Madhu Shah 20 May 2024 · 1 min read आंखों की नदी एक नदी मेरी आंखों में भी बहती है कितनी बुझी अनबुझी कहानी कहती है कितने टेढ़ी-मेढे रास्तों से गुजरती है कभी पत्थरों से टकराती है लेकिन किसी से कुछ ना... Poetry Writing Challenge-3 · आंखों · किस्से · चांद · नदी · सूरज 2 112 Share