Kumud Srivastava Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kumud Srivastava 31 May 2024 · 1 min read शिव आराधना शिव आराधना सुंदर सत्य सनातन शिव अनुरुपा..🌸🌸 पूजैं विधिवत् शैल सुता स्वरूपा...🙏 जगत के पालनहार है जो सबका करते उद्धार है जो उस सत्य को शीश नवाते हैं सब सद्गुरु... Poetry Writing Challenge-3 76 Share Kumud Srivastava 31 May 2024 · 1 min read श्री गणेश वंदना लंबोदरम् मोदकम् प्रियम्...🌸🌸🌸 गणनायककम् विघ्नहर्ता गणेश🙏🙏🙏🙏🙏🙏 करबद्ध नमन है मुझे अनाथ का मिटाओ सारे क्लेश....🌻🌻🌻 हुआआगमन आज धरा पर पुलकित हुई सृष्टि चराचर दूर अंधकार हुआ, फैला प्रकाश जगत प्राणी... Poetry Writing Challenge-3 81 Share Kumud Srivastava 31 May 2024 · 1 min read शुभ प्रभात संदेश शुभ प्रभात संदेश वही धरा है ,वही गगन है🌸🌸 फिर भी मन कुछ आज मगन है...🌼🌼 शुभ प्रभात की बेला है ..🌻🌻🌻 उम्मीदों का मेला है 🌼🌼🌼 विधि ने आज... Poetry Writing Challenge-3 71 Share Kumud Srivastava 31 May 2024 · 1 min read हृदय तूलिका उन्मुक्त भाव से ह्रदयतूलिका जब कागज़ पर चलती है, सतरंगी अरमानों की ओढ़ चुनर खुशियॉ रंग भरती हैं पिघलतेहैं तब ख्वाब अधूरे सारे, ख्वाहिशों की तपिश में, होता है तब... Poetry Writing Challenge-3 72 Share Kumud Srivastava 31 May 2024 · 1 min read कलम कलम कलम की मस्ती सबसे सस्ती क्या क्या ये लिख जाती है समय के पन्नों पर चल कर कलम इतिहास लिखजाती है लिखनें का था दिल नहीं पर जब कलम... Poetry Writing Challenge-3 83 Share Kumud Srivastava 31 May 2024 · 1 min read पृथ्वी दिवस दोहे.. पृथ्वी दिवस पर १. साध संकल्प सिद्धि से, निश्चय करें श्रीमान् पृथ्वी का कम दोहन करें जीवन होगा तबआसान|| २. प्लास्टिक कचरा नकरें धरा को दें जीवन दान वायु... Poetry Writing Challenge-3 63 Share Kumud Srivastava 31 May 2024 · 1 min read ग्रीष्म दोहे : ग्रीष्म चार माह ग्रीष्म के ,होते हैं घनघोर| लू चले और ताप बढ़े,आंधी मचावे शोर|| आम पुदीना ,बेल,ककड़ी| सत्तू ,शरबत का चलै दौर|| बौर बढ़ अमिया ,आम बने|... Poetry Writing Challenge-3 85 Share Kumud Srivastava 31 May 2024 · 1 min read शबनम अलंकार पर आधारित "अहसास " ओंस की शबनम से ,मोती मांग में सजते रहे हम लता की ओट से, जब उन्हें तकते रहे लब्ज थे खामोश , पर होठ कुछ... Poetry Writing Challenge-3 51 Share Kumud Srivastava 31 May 2024 · 1 min read मनोकामनी इक अहसास मनोकामनी साथ🌹 खूबसूरत सी थी छटा महकती मनोकामनी भरपूर फूलों से लदी ,पूरे उन्मादमें सुगंध बिखेरती बरबस अपनी ओर आकर्षित करता चांद आस पास संतरी बन टिमटिमाते तारे... Poetry Writing Challenge-3 69 Share Kumud Srivastava 31 May 2024 · 1 min read सुप्रभात मुस्कुराती जिंदगी , गीत गाती जिंदगी, गुनगुनाती जिंदगी कुछ सिखाती जिन्दगी कुछ हंसाती जिंदगी कुछ रूलाती जिंदगी कुछ नचाती जिंदगी पर अब सुहाती जिंदगी जिंदगी की बंदगी आज हम सब... Poetry Writing Challenge-3 53 Share Kumud Srivastava 31 May 2024 · 1 min read मेंहदीं मेंहदीं मैं तो हूं खुश रंग हिना हाथों पर सजाईये हरी हरी चूड़ियों संग सावन तो मनाईये🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏 तोड़ डाली से नाता अपना रस रंग निचोड़ सूनी हथेली सजाती हूं परिणय... Poetry Writing Challenge-3 61 Share Kumud Srivastava 31 May 2024 · 1 min read मृगनयनी मृगनयनी बंद दरवाजों के झरोंखों से झांकती इक मृगनयनी है जानें कब आयेंगे प्रियतम अंदर से बेचैनी है जानें कौन सी सुखद घड़ी होगी ,जब पिया मिलन की रात होगी,... Poetry Writing Challenge-3 76 Share Kumud Srivastava 18 May 2024 · 1 min read पायल विषय *पायल* गोरी तेरे पांव की पायल झनझन झनकत जाय सुनकर पायल की रूनझुन जिया मोरा ललचाय आज पिया परदेश से आये पायल शोर मचाये पिया मिलन की साक्षी बनकर,... Poetry Writing Challenge-3 1 83 Share Kumud Srivastava 18 May 2024 · 1 min read दीप ऐसा जले तमसो मा ज्योतिर्गमय सद्गमय चले , ज्योर्तिगमये मिले, दीप ऐसा जले, दीप ऐसा जले, दीप ऐसा जले, दीप जले.. संग हो काफिले देश सेवा चले, दीप ऐसा जले.. दीन को... Poetry Writing Challenge-3 1 76 Share Kumud Srivastava 18 May 2024 · 1 min read शेरनी का डर वन्य संरक्षण सप्ताह हेतु रचना 🐘🦏🐪🐫🦒🐃🐂🐂🐄🐖🐎🐑🐏🐐🦌🐈🐕🐇🐿🐁🐊🦈🐆🐅 शेरनी का डर 🐆🐅 हूं तो मैं जंगली की शेरनी रानी, शेर की कहलाती पर एक अनजाना भय से सहमी , चिन्ता गहरी है... Poetry Writing Challenge-3 81 Share Kumud Srivastava 17 May 2024 · 2 min read नशा मुक्त अभियान नशा मुक्त समाज अभियान के अंतर्गत मेरी रचनाएं *नशा मुक्त समाज अभियान '* एक संकल्प: "नशा मुक्त समाज हो सारा" यह संकल्प उठाना है, नशा मुक्त अभियान हमें अब घर... Poetry Writing Challenge-3 2 1 99 Share Kumud Srivastava 17 May 2024 · 1 min read पर्यावरण सम्बन्धी स्लोगन सुविचार🌹🌹 "एकाग्रता, और सकरात्मक ऊर्जा संग दृढ़ संकल्पित कार्य , हमेशा सुखद परिणाम के साथ ही फलीभूत होते हैं" 🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷 पर्यावरण, प्रदूषण, हरियाली, पर स्लोगन प्रदूषण पर प्रतिबंध लगायें, पर्यावरण... Poetry Writing Challenge-3 1 106 Share Kumud Srivastava 17 May 2024 · 1 min read प्रकृति और मानव प्रकृति का भयावह रूप🌹🌹🌱🌱🎋🎋 घनाक्षरी छंद "प्रकृति मानव संवाद" अब सुन , हे मानव! मत बनना दानव! वरना पछतायेगा! श्वास भी गंवायेगा! दोहन करना छोड़! मुझसे नाता जोड़! श्रृंगार हो... Poetry Writing Challenge-3 104 Share Kumud Srivastava 17 May 2024 · 1 min read जल का अपव्यय मत करो "जल का अपव्यय मत करो" कविता जल की है हर बूंद कीमती, करिये मत अपव्यय जल का "जल" है हम सबका कल है बिना इसके जीवन तिनका पानीं इक बूँद... Poetry Writing Challenge-3 85 Share Kumud Srivastava 17 May 2024 · 1 min read बंदिशें बंदिशे (स्वैच्छिक ) बंदिशे काम न आयीं, जमाने की यारों, काफिले प्यार के फिर , राहों में सजने ही लगे, कमबख़त ईश्क उनका, इस कदर परवां चढ़ा, भंवरे कलियों पर... Poetry Writing Challenge-3 131 Share Kumud Srivastava 17 May 2024 · 1 min read मै नर्मदा हूं मै नर्मदा हूं अमरकंटक नर्मदा कुंड से निकली, मैं रेवा भी कहलाती हूँ, संगमर्मरी धरा संग बहती, जबलपुर में आ धुंआधार बन जाती हूँ, शिव स्वेद से जन्मी, मेखल राजा... Poetry Writing Challenge-3 1 84 Share Kumud Srivastava 17 May 2024 · 1 min read सज गई अयोध्या सज गई अयोध्या ( गीत, झुलनी में गोरी लागा हमार जिया तर्ज पर) मंदिर बना है निराला अयोध्या वाला ...2 मंदिर में प्रभुराम बिराजे..2मंद मंद मुस्कान से साजे लेकर बाल... Poetry Writing Challenge-3 1 93 Share Kumud Srivastava 17 May 2024 · 1 min read गंगा मैया ( प्यारा सजा है दरबार ओ अम्बे मईया.. गीत की तर्ज पर ) गंगा गीत🙏🌹 अविरल बहे है तेरी धार हो गंगे मईया... अविरल...२ भागीरथ धरा पे तुझको लाये... पितृ... Poetry Writing Challenge-3 1 104 Share Kumud Srivastava 17 May 2024 · 1 min read राजनीति और वोट राजनीति और वोट बनना नेता नहीं आसान राजनीति अपनाना पड़ता है, जनता से झूठे वादे संग, विश्वास दिलाना पड़ता है, थोथे खोखले दावों संग, चुनाव मैदान में जाना पड़ता है,... Poetry Writing Challenge-3 1 104 Share Kumud Srivastava 14 May 2024 · 1 min read सरस्वती वंदना सरस्वती वंदना हे वीणा वादिनीं मां सरस्वती, दया दृष्टि मुझपर कीजै, आई द्वार तुम्हारे मईया संकट काट समृद्धि दीजै। हे वीणा वादिनीं..... छाया है घनघोर अंधेरा, दिखे न मईया रस्ता... Poetry Writing Challenge-3 74 Share