Er.Navaneet R Shandily Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read व्यथा हमारी दब जाती हैं, राजनीति के वारों जन जन के पीड़ा को मन ने गंतव्य निधि में पाया हैं वाम पंथ धर्म अपनाते नेताओं को हमने पाया हैं सहादत पर वोट मांगते, जनता के दरबारों से व्यथा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 75 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read मेघनाद लंका का वह गर्व धरोहर, कुल का वह अभिमान हैं इंद्रदेव को जीतने वाला, वह बालक तो बलवान हैं युद्ध को निर्णायक पथ पर, करना उसकी शान हैं आत्मज जी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 68 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read श्रद्धांजलि समर्पित कुल भूषण प्रतिष्ठ कलश को, मेघ नीर पंकिल किए सुशोभित गृह बाखर मेरे, विशिक चाप् से झील किए आकर प्रपंच के मानवता में, मंगल राहु शनि भूत हुए अरण्य कृशानु,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 105 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read मन का प्रोत्साहन उपवन खिली बहार थीं, आशाओं के पहने हार थीं स्रोतस्विनी के धार में, अवलम्ब बनी पतवार थीं निराशाओं में आश जगाने, वाली तेरी पहचान थीं किलिष्ट कड़ी घटना को, सुलझाने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 96 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read शिव जी प्रसंग श्वेत शैल, सिंहासन हिम गिरी, नन्दी की सवारी बाघम्बर का छाला पहनें, महादेव त्रिपुरारी सुशोभित भुजा में बांधे, रुद्राक्ष की माला पहनें हीरा मोती आभूषण, भुजंग मुंड की माला शशिभूषण... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 58 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read संघर्ष मंजिले तड़प रहीं, मिलने को ए सिपाही सोचता क्या हैं तू, बन संघर्ष का राहीं चक्र हैं घटना क्रम, मिश्रित सफल कहानी बहा कर देख ले, तन सीकर का पानी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 65 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read महाराणा प्रताप मुग़लों के दाँत हुये खटे, मेवाड़ी राज पूतनो से हल्दी घाटी हो गयी घायल, मुगल सिसोदिया राज घरानो से बरछी भाल कटारी लेकर, चेतक के टँकारो से राणा को तो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 52 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read मुज़रिम सी खड़ी बेपनाह प्यार में गुम शुम बैठी रही मैं सुबह शाम में नैन आँसू उदासी कैसे भेजू पैग़ाम में दिल डूबा हुआ मेहबूब याद में इश्क़ की जंजीर तोड़े किस ख्यालें आजाद में उह... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 73 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read मैं(गाँव) तड़प रहा हूँ पल-पल में वीभत्स का तू धूप लिया हैं मानसिकता अगुण रूप लिया हैं भाई-चारा लूट लिया हैं धन वैभव मन खोट किया हैं जाति-पाती के दल-दल में अनैतिकता के हल-चल में व्यक्ति... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 49 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read द्रौपदी मामा शकुनी की वह चाल द्रुत क्रीड़ा में किया कमाल दास बने बैठे सब पाण्डव छल से जीता हर एक दाव धर्मराज नहीं धर्म निभाये पत्नी को भी दाव लगाये... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 46 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read मेरा हृदय मेरी डायरी कुर्सी मेज़ कलम की यारी अंतर मन में कवि को प्यारी मिश्रित भाव की मेरी शायरी मेरा हृदय, मेरी डायरी ज्योति दीप प्रेरित अभिलाषा प्रकृत भाव की मेरी भाषा सार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 39 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read अधूरा मिलन मिलकर भी ना मिल सके आप से दो क्षण ही सही हम जुड़े आप से भीतर भीतर हमें भी ग्लानि हुई मेरे मौन शब्द ना जुबानी हुई सोचा बहुत सा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 44 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read मीठा जीतना मीठा हो वह घातक विष बन जाता हैं मीठा जीतना मीठा हो वह घातक विष बन जाता हैं सच्चे प्रेम की तीखी बोली, मृत्यु सुनिश्चित करवाता हैं रण कौशल का मूल खिलाड़ी, शून्य गति को जाता हैं मूल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 35 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read कर्त्तव्य के विरुद्ध हो अटका हुआ हैं सारंग धारा के चाल में भटका हुआ हैं निर्मोही माया के जाल में दोष कैसे मढ़े किसी तनुजा के शीश को अनुचित विभक्ति ग्रहण करें नित्य विष... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 33 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read फाल्गुन महिनवा में पतझड़ महीना नई आश लेई आईल अमवा बऊर देखी मन हर्षा-ईल पौधा पुष्प खिला दी अंगनईयाँ फाल्गुन महिनवा में धली रेल गड़ियाँ रतिया में हम के बीरावे ले अजोरियाँ धई-धई... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 62 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read प्रकृत की हर कला निराली छप्पन भोग सजा दे थाली श्रृंगार सुशोभित करने वाली ममता स्नेह की इनकी प्यारी उपवन की सजा वे क्यारी भू- गर्भ सी क्षमता वाली उपमा सी ये शक्तिशाली प्रकृत की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 37 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read द्वार खुले, कारागार कक्ष की द्वितीय घड़ी, वह कृष्ण पक्ष की द्वार खुले, कारागार कक्ष की उमड़ घुमड़ घन, शोहर गाते शेषनाग फन, छप्पर छाते माँ यमुना हैं, चरण पखारत लालच नारद, मुनि को आवत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 51 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read अनमोल दोस्ती अनमोल दोस्ती का अनमोल तू खजाना जीवन सोपान पद का पहचान भी कराना अदृश्य डोर बंधकर, एहसास भी कराना कमजोर जब पड़े तो विश्वास भी जगाना ए दोस्त तू मेरी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 70 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read दर्द कहूं कैसे दर्द कहूं मैं अपने कैसे सपने दफन हुए हैं जैसे बड़े सिखाएं मर्यादा को भंग करें कानूनी कायदा को नियम विच्छेदन करते जाए छोटो को नया पाठ पढ़ाए गांवों के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 87 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read तेरा ही आभाव हैं जीवन के दर्पण में खुद का ही गुणगान हैं संताप की धरती में अनेकों बलिदान हैं रहस्य की दुनिया में रहस्य-मयी घाव हैं तूफान के आगोश में डूबने को नाव... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 56 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read तुझे बनाऊँ, दुल्हन घर की कुछ हैं अधूरा कुछ हैं पूरा नव-जीवन का नया सवेरा किस जन्म का रिश्ता तेरा मिलने को मन करता मेरा तू सपना हिय के मंदिर की तुझे बनाऊँ, दुल्हन घर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 80 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read टूटे हुए पथिक को नई आश दे रहीं हो बुझी हुई आश को विश्वास दे रहीं हो नि:स्वर कलेवर को सास दे रहीं हो बालक अज्ञानी को खास दे रहीं हो टूटे हुए पथिक को नई आश दे रहीं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 62 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read चुनरिया हम चढ़ाई कईसे गरजेला बघवा, मंदिर बीच मईया सेवका त, आईल बाडे, राऊर दुवरिया कि बघवा गरजत बाडे हो$2 बीच दुवरिया आके मईया, चुनरिया हम चढ़ाई कईसे करूण पुकार के अरज सुना मईया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 61 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read कैसे पड़े हैं प्रभु पाँव में छाले क्यों बनते हैं बहुत ही भोले अन्तर मन की बात न खोले कालिया नाग को नाथने वाले कैसे पड़े हैं प्रभु पाँव में छाले ऐसा घाव कभी नहीं देखा भक्त... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 54 Share Er.Navaneet R Shandily 16 May 2024 · 1 min read कर्ण कुंती संवाद पाँव रुके मन नहीं हैं माने ब्रह्म पहर में चली मनाने सरिता के तट पर जा करके फैलाई आँचल खुद धरके सत्य कहूँ या मांगू भीक्षा तेरे हाथों कुल की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 111 Share