कवि दीपक बवेजा Poetry Writing Challenge-3 27 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read कुछ तो कर गुजरने का कुछ तो कर गुजरने का अब #अरमान दिल में है ! जमीन नहीं है मंजिल मेरी खुला #आसमान दिल में है!! #आसमानों की जद में रहना, फिर भी अपनी #हद... Poetry Writing Challenge-3 1 55 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read रोशन सारा शहर देखा रोशन सारा शहर देखा, पर दीए तले अंधेरा देखा ! पानी भरे समंदर देखे , फिर भी हमने प्यासा देखा!! भरे भरे धन कोष देखें, उनका छोटा मन देखा है... Poetry Writing Challenge-3 1 51 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read बस एक बार और……… स्वप्न स्वप्न सब भूल गया अब उम्मीदों से हारा है वह ….. कर एक प्रयास बस एक बार और……… जैसे तैसे धैर्य जुटाकर करने लगा अगला प्रयास वह फिर असफलता... Poetry Writing Challenge-3 1 61 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read अखबार में क्या आएगा क्या बना है खाने में क्या परोसा जाएगा ! वहां घटना क्या हुई थी अखबार में क्या आएगा !! क्या सुना है तुमने, दादा उसके नेता थे ! यह पुश्तैनी... Poetry Writing Challenge-3 1 71 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read हौसला जिद पर अड़ा है हौसला जिद पर अड़ा है लौटना तोहीन होगी नदियां निकल गई है समुंदर से बेवफाई क्यों ।।१ जिस गली जाना नहीं है वहां से रुक मोड़ लो छोड़ आए गलियां... Poetry Writing Challenge-3 1 57 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read अपनी ताकत को कलम से नवाजा जाए अपनी ताकत को कलम से नवाजा जाए अपनी ताकत को कलम से नवाजा जाए, हर बात मयस्सर होती कहां जमाने में । जरूरत आएगी तो हो जाएंगे रुखसत ; क्यों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 66 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 4 min read माँ -2 Settings एक बच्चा जो अपनी माँ से बिछड़ कर कहीं बाहर रह राहा है और वह माँ को याद करते हुए एक कविता इस प्रकार लिखता है और अपना प्यार... Poetry Writing Challenge-3 71 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read माँ माँ वह हमारी खातिर.., मौत से लड़ जाती है | जब जाकर हमारी, देह में प्राण लाती है | छोटी छोटी विपदा हो, दुनिया से लड़ जाती है | साहस... Poetry Writing Challenge-3 58 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 2 min read तब घर याद आता है आंखें नम हो जाती हैं याद मां की आती है , जब भूख सताती है तब घर याद आता है! दिल में दवी ख्वाहिश जब अधूरी रहती है , जेब... Poetry Writing Challenge-3 64 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read संघर्षों के राहों में हम संघर्षों के राहों में हम नदियों को भी मोडेगे, आंधियों में जलकर गुरूर हवा का तोड़ेंगे | एक बार जो ठान लिया मंजिल अपना मान लिया, आंखों में तूफ़ान लिया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 44 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read उसको उसके घर उतारूंगा उसको उसके घर उतारूंगा मैं अकेला ही घर जाऊंगा उसको उसके घर उतारूंगा मैं अकेला ही घर जाऊंगा, अगर वो नहीं मिला मुझको तो मैं कौन सा मर जाऊंगा |... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 62 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read यह सादगी ये नमी ये मासूमियत कुछ तो है यह सादगी ये नमी ये मासूमियत कुछ तो है तेरे लहजे पर यह कोरी किताब कुछ तो है यह सादगी ये नमी ये मासूमियत कुछ तो है । जब से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 62 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read अपना भी नहीं बनाया उसने अपना भी नहीं बनाया उसने अपना भी नहीं बनाया उसने और किसी और का होने भी नहीं दिया । बात भी नहीं की उसने मुझसे और रात भर उसने सोने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 46 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read एक उड़ती चिड़िया बोली एक उड़ती चिड़िया बोली एक उड़ती चिड़िया बोली तू क्यों नहीं उठ सकता है अंतर्मन में झांक जरा तू क्या कर सकता है एक अकेला जुगनू भी अंधकार हर सकता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 59 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं वह मुझसे मिलने कभी बाहर आया ही नहीं ! मेरे अंदर से होकर के गुजरे हैं कई मौसम रास्ते में रहा... Poetry Writing Challenge-3 1 61 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read हर एक मन्जर पे नजर रखते है.. हर एक मन्जर पे नजर रखते है.. हम हर खंजर की खबर रखते हैं..! इतने गम है मगर अपनो का ध्यान, रखा नही जाता, फिर भी रखते है!! है वाकिफ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 52 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read चमकते चेहरों की मुस्कान में…., चमकते चेहरों की मुस्कान में…., उसके चेहरे की सादगी कुछ तो है आंखों के दरमियान देखा है हमने आंखों में शर्म ए लाज कुछ तो है दिखता है खुले पुस्तक... Poetry Writing Challenge-3 1 40 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 2 min read कुछ कर चले ढलने से पहले कुछ कर चले ढलने से पहले सूरज इस उम्मीद मै निकलता होगा कुछ कर चले ढलने से पहले, ए दरिया नदी तेरी ना हो सकी समुद्र में मिलने से पहले,... Poetry Writing Challenge-3 1 39 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read रेत पर मकान बना ही नही रेत पर मकान बना ही नही वो शक्स मेरा बना ही नही । उस मुकदमा को जीतते कैसे, हमारे साथ कोई गवा ही नही ।। अलग रास्ते से गुजर के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 80 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा मोहब्बत को रास्ते में छोड़ना पड़ा ऐसी नाव पर सवार हो गए थे हम बीच रास्ते नाब को मोड़ना पड़ा !! जिन किनारों की थी मंजिल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 29 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read चले हैं छोटे बच्चे अंधकार को दूर हटाने चले हैं छोटे बच्चे अंधेरो में जलते बुझते चले हैं छोटे बच्चे…. खुद ही खुद की राह बनाने चले हैं छोटे बच्चे …. मात-पिता का नाम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 46 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं….. वही रास्ते हमें रास्तों में छोड़ जाते हैं, कई मजबूरीयों के किस्से सुनाते हैं और कदमों के निशान छोड़ जाते हैं कभी जिंदगी के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 37 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read अंतरिक्ष के चले सितारे अंतरिक्ष के चले सितारे अंतरिक्ष के चले सितारे नई उड़ाने भरने को नई आस है नई उमंग सपने पूरे करने को हौसले बुलंद लिए आंखों में उमंग लिए सपनो के... Poetry Writing Challenge-3 1 33 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read जब किसी पेड़ की शाखा पर पल रहे हो जब किसी पेड़ की शाखा पर पल रहे हो एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए कितनी भी उड़ाने भरो आसमान में लेकिन शाम होते ही धरती पर लौट आना... Poetry Writing Challenge-3 1 29 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो क्यों फिर छोटी-छोटी बातों पर तुम शर्मिंदा हो खुला आसमान खुली हवाएं बैठी अंतर्मन में ज्वाला फिर भी पर ही नहीं... Poetry Writing Challenge-3 1 64 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read तिनका तिनका लाती चिड़िया तिनका तिनका लाती चिड़िया , ऐसे नीड बनाती चिड़िया !? चल रही आंधियां राहों में , पर उनसे ना घबराती चिड़िया !! बुलंद हौसला , कल कल करता नदियों सा... Poetry Writing Challenge-3 1 70 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read अरमान दिल में है अरमान दिल में है कुछ तो कर गुजरने का अब #अरमान दिल में है ! जमीन नहीं है मंजिल मेरी खुला #आसमान दिल में है!! #आसमानों की जद में रहना,... 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