Baldev Chauhan Poetry Writing Challenge-3 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Baldev Chauhan 19 May 2024 · 1 min read मत घबरा साथ में जाइए तर्ज--सर पर टापा लाल हाथ म रशम का रुमाल टेक-मत घबराइए साथ में जाइए राम चले वनवास लखन तेरी मां कह रही बड़ा भाई बाप बराबर भाभी मां कैसी हो... Poetry Writing Challenge-3 45 Share Baldev Chauhan 19 May 2024 · 1 min read ना जा रे बेटा ना जा ना जा रे बेटा ना जा बनवास ना जा तेरे बिना जिंदा रहूं कैसे बता जा 9 महीने बोझ मरी पाला रे पोषा होणी ने एकदम आ कै न खोसा... Poetry Writing Challenge-3 43 Share Baldev Chauhan 19 May 2024 · 1 min read जंगल बियाबान में जंगल बियाबान में इसे सुनशान में ओर नही कोई सार्थी, इसे टेम जो बर्ने हिमाती' ना किसी को ओकात है। 11 पानी-पानी रै करते पावै, ओर किसे का ना कुछ... Poetry Writing Challenge-3 73 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read राज छोड़ बनवास में आया था मेरे साथ में राज छोड़ बनवास में आया था मेरे साथ में बहुत घणा इंकार किया था तनै मैं लाचर किया था ये कैसा इंसाफ है बहुत घणा समझाया था मैंने दुख जंगल... Poetry Writing Challenge-3 45 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read किस तरिया रोने तै डट ज्या बैठा बाजी हार के किस तरिया रोने तै डट ज्या बैठा बाजी हार के भाई जैसी चीज नहीं है देखो सोच विचार कै याणे से न वन लाया कदै देखा कोना सुख तने आते... Poetry Writing Challenge-3 60 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read सिया सिया करते-करते सिया सिया करते-करते ढूंढी सब डगरिया नाम तेरा ले ले के मैं तो हार गया सब तरिया साथ वनो मै आई थी तू मनै था इंकार किया एक बात भी... Poetry Writing Challenge-3 39 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read लौट के आजा हनुमान लौट के आजा हनुमान तुझे तेरा राम बुलाता है कपियों को तारा राक्षसों को मारा की थी जगत की भलाई लक्ष्मण के बचा लो प्राण तुझे तेरा राम बुलाता है... Poetry Writing Challenge-3 50 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read जल्दी आओ राम बाद में जल्दी आओ राम सिया रो रही दुष्ट के हाथों में पड़ जां खो रही आपने भी बहुत सी समझाई थी बुद्धि उल्टी हो समझ में ना आई थी आंसुओं से... Poetry Writing Challenge-3 48 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read सिया मान मेरी बात राम -सिया मान मेरी बात मत चालै मेरे साथ मै तो बार-बार अर्ज करूं कि बहुत घनी दुख पावै सीता -पिया मान मेरी बात मैं तो चालू तेरे साथ मैं... Poetry Writing Challenge-3 64 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read क्यों छोड़ गई मुख मोड़ गई क्यों छोड़ गई मुख मोड़ गई मैं रोऊ टक्कर मार बता इब कीत जाऊं घर तै कटठ्ठे आए थे आज पाटगी न्यारी क्यूं दगा कमाया प्यारी क्यों कदै हुई नहीं... Poetry Writing Challenge-3 44 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read मेरी सिया प्यारी को देखा अगर मेरी सिया प्यारी को देखाअगर बतला दो करो एहसान कोई तारागण व भान शशि तुम ही करो उपकार मेरा सब कुछ देखा है तुमने चुप क्यों दो पहचान कोई जलचर... Poetry Writing Challenge-3 31 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read आवाज तुम्हारे भैया की सुन-सुन आवाज तुम्हारे भैया की सुन-सुन के जी घबराया है रहूं खड़ा अटल मां सेवा में खुद भैया ने समझाया है जल्दी जाकर मदद करो तुम आज्ञा मानो माता की हुकुम... Poetry Writing Challenge-3 1 89 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read ओ रावण की बहना ओ रावण की बहना तू मान मेरा कहना हम आज हुए वनवासी कुछ भी पास नहीं अरे हम वापस जिंदा जाए यह भी आप नहीं पति-पत्नी हम पास खड़े में... Poetry Writing Challenge-3 33 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read नजरे तो मिला ऐ भरत भाई नजरे तो मिला ऐ भरत भाई तू क्यों इतना शरमाया है किस लिए छोड़ा राज अयोध्या किस लिए आप पधारे हैं शाही वस्त्र उतार दिए क्यों सादे वस्त्र धारे हैं... Poetry Writing Challenge-3 63 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read देखो आई अजब बहार देखो आई अजब बहार उठी फूलों में महकार कल कल बहती है बहती है नदियों की धार एक तो यह ठंडी हवा दूजे यह मौसम खुश है यह सारी दुनिया... Poetry Writing Challenge-3 33 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read सीता ने हर ले गया रावण सीता ने हर ले गया रावण ढूंढ ढूंढ तुम हारे थे बाली मारा धोखे से सुग्रीव क्यों इतने प्यारे थे अंगद प्राण प्यारे थे तारा का कौन सहारा है हनुमान... Poetry Writing Challenge-3 1 63 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read ना जा री ना जा मैया ना जा री ना जा मैया एकली ने छोड़ कै मां बेटी का नाजुक रिश्ता क्यों चली तू तोड़ के जन्म लिया मैंने आंख भी ना खोली गलती करी क्या... Poetry Writing Challenge-3 56 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read ए मेरे अयोध्या वासी ए मेरे अयोध्या वासी तुम लौट अवध को जाओ ना देर करो से फायदा तुम अपना फर्ज निभाओ तुम मानो मेरा कहना ना हठ अच्छी है ज्यादा रघुकुल की रीत... Poetry Writing Challenge-3 64 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read पकड़ लो भैया कुश घोड़ा पकड़ लो भैया कुश घोड़ा इसे आगे न जाने दो पकड़ लूं नाथ मैं कसकर जरा नजदीक आने दो सजाया खूब है इसको किसी ने दिल लगा करके हमारे दिल... Poetry Writing Challenge-3 57 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read जल्दी आओ राम सिया रो रही जल्दी आओ राम सिया रो रही दुष्ट के हाथों में पड ज्या खो रही ऐसी अबला नार को तू ना सता खोल कर बतला दे मेरी क्या खता झगड़ा कितनी... Poetry Writing Challenge-3 47 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read रहो महलों में बन में रहो महलों में बन में ना चलो लखन मेरी मानो भाई-2 भूखे प्यासे रहो कैसे दुखड़े सहो शेर चीतो को देख देख डरोगे लखन संग तेरे रहूं सारे दुखड़े सहू... Poetry Writing Challenge-3 58 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read ए तीर चलाने वाले ए तीर चलाने वाले तुम मेरे मात पिता को बचा लेना कहीं प्यास से दोनों मर न जा तू जाकर पानी पिला देना जल ले जाओ ना देर करो कहना... Poetry Writing Challenge-3 33 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read बना कावड पिताजी मैं तुम्हें बना कावड पिताजी मैं तुम्हें उसमें बिठाऊंगा उठा कंधे पर मैं अपने तुम्हें तीर्थ कराऊंगा यही है फर्ज बेटे का यही बस काम बाकी है मुझे अब कुछ नहीं चाहिए... Poetry Writing Challenge-3 44 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read माफ सिया कर दिए गुनहगार हूं माफ सिया कर दिए गुनहगार हूं पांव तेरे मैं पडूं खतावार हूं ब्याह किया था मैंने धनवा तोड़कर संग में आई तू सब कुछ छोड़कर तुम हो असली फूल मैं... Poetry Writing Challenge-3 54 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read मेरी फूट गई तकदीर मेरी फूट गई तकदीर अब ना कोई बंधावे धीर रो-रो जिंदगी ने खोऊं मैं रोऊं करतार नहीं कोई पाप किया नहीं कोई दोष है नहीं कोई गलती करी सिया निर्दोष... Poetry Writing Challenge-3 36 Share Baldev Chauhan 18 May 2024 · 1 min read सुन सुन कर बोल सुन सुन कर बोल मैं समझ गई कोई घोर विपत्ति आई है जिसको तू भाई समझ रहा वह भाई नहीं अन्याई है तेरा लखन नहीं यह कपटी है छल करने... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 35 Share