सुशील भारती Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read पहाड़ की पगडंडी ‘पहाड़ की पगडंडी’ दिल पिघल जाएगा देखकर पहाड़ों के नूर को, नशा हो जाएगा पीकर सौन्दर्य के सुरूर को। चलो सजनी उस राह से; दिल बहुत कुछ कहने लगेगा। पहाड़... Poetry Writing Challenge-3 1 49 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read प्यार की पाठशाला प्यार की पाठशाला सिखाया जाएगा पाठ वफा का। होता क्या है अंजाम दगा का। लाख टक्के का देंगे इल्म, बेज़ुबान भी ज़रुर बोलेंगे। होंगी जहाँ से नफरतें कोसों दूर, हम... Poetry Writing Challenge-3 50 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read आखिरी सहारा आखिरी सहारा डूबती कश्ती को मिलना किनारा चाहिए। डूबते को अब तिनके का सहारा चाहिए।। मुद्दतें बीत गई तेरे दीदार के लिए, नयनों को तेरी नज़रों का नज़ारा चाहिए। जान... Poetry Writing Challenge-3 79 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read जहाँ शिव वहाँ शक्ति' ॐ नमः शिवायः 'जहाँ शिव वहाँ शक्ति' अदभुत लीला है परमपिता की, संसार उसी का रचाया है।। शिव है शक्ति की रूह अगर, शक्ति शिव का साया है। है समाई... Poetry Writing Challenge-3 53 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read वो भी क्या दिन थे वो भी क्या दिन थे किस्मत मेरी जब मुझे संवार गई, ज़हन्नुम से जन्नत में उतार गई। फैला ज़हर रोम- रोम में पूरे, हुस्न की मक्खी जब डंक मार गई।।... Poetry Writing Challenge-3 54 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read वो सड़क का मोड़ 'वो सड़क का मोड़' बचपन बीता और जवानी, छोड़ गया वो एक निशानी। सड़क के उस मोड़ से तो, लगाव था सिर्फ रूहानी।। मेरी नज़रों से वहाँ युगों-युगों तक नूर... Poetry Writing Challenge-3 53 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read कुछ पल तेरे संग कुछ पल तेरे संग आओगे तुम करीब अगर, रंगत दिल में आएगी। हँसा जाएगी नफरतें बेशक, मुहब्बत बड़ा रूलाएगी। दे दोगी तुम गर दिल में आने की इजाज़त, बेकरार दिल... Poetry Writing Challenge-3 49 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read कत्ल कर जब वो कातिल गया काफिया—इल रदीफ—गया बहर-- 212 212 212 "कत्ल कर जब वो कातिल गया" कत्ल कर जब वो कातिल गया। शख्स ले साथ वो दिल गया। हो गई दिल को तकलीफ तब,... Poetry Writing Challenge-3 47 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read ‘मेरी खामोशी को अब कोई नाम न दो’ ‘मेरी खामोशी को अब कोई नाम न दो’ प्रेम सच्चा हर पल तुमसे जी भर किया, न जाने तुमने फिर क्यों बड़ा दर्द दिया? समझ न सकी तुम मेरी खामोशियों... Poetry Writing Challenge-3 44 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read दर्द जब इतने दिये हैं तो दवा भी देना बहर—2122 1122 1122 22 काफिया---- " आ" स्वर की बंदिश रदीफ---- भी देना साँस जब तुमने चुरा ली तो हवा भी देना। दर्द जब इतने दिये हैं तो दवा भी... Poetry Writing Challenge-3 60 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read कौन दिल बहलाएगा? कौन दिल बहलाएगा? कौन खिलाएगा खाना मुझको, अब कौन पानी पिलाएगा? बाँटूगा किसके साथ दर्द-ए-दिल, अब कौन दिल बहलाएगा? नहीं खटखटाऊँगा दरवाज़ा अब, आधी रात को जब भी आऊँगा, पहले... Poetry Writing Challenge-3 66 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read गीत भी तुम साज़ भी तुम गीत भी तुम साज़ भी तुम गीत भी तुम साज़ भी तुम। मेरी शायरी की आवाज़ भी तुम।। जबसे तुमपे जाँ निसार हुई है, तुम्हें पाने को धड़कनें बेकरार हुई... Poetry Writing Challenge-3 37 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 2 min read राजा साहब आपके जाने से… राजा वीरभद्र सिंह जी को विनम्र श्रद्धांजलि इस रचना के साथ... "राजा साहब आपके जाने से"… जो भी मिला जिन्दगी की राहों में, वो हबीब हो गया। राजा साहब आपके... Poetry Writing Challenge-3 34 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read रिश्तों की हरियाली रिश्तों की हरियाली आज धरा पर दफन सी हो गई चाहतें, पग- पग पर यहाँ बिक रही मुहब्बतें। रिश्तों की मज़बूत डोर को यहाँ पर, पल भर में भस्म कर... Poetry Writing Challenge-3 38 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read रेशम के धागे में बंधता प्यार रेशम के धागे में बंधता प्यार आया रक्षाबंधन का त्यौहार भैया। रेशम के धागे में बंधता प्यार भैया।। रक्षाबंधन के दिन घर को आना, प्रेम का तुम बस तोहफा लाना,... Poetry Writing Challenge-3 1 49 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read मौसम में बदलाव मौसम में बदलाव मौसम में जबसे बदलाव हुआ। हर सीने पर गहरा घाव हुआ।। तड़प रहे परिन्दे पानी के लिए, ठण्ड का जबसे अभाव हुआ। मौसम में… तरस रहे सब... Poetry Writing Challenge-3 1 49 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read गरीब हैं लापरवाह नहीं गरीब हैं लापरवाह नहीं रूखी-सूखी जो मिले पेट भर लेते हैं, जी लेते दो घड़ी दो घड़ी मर लेते हैं। दौर है बेइमानी का बेशक आज , हम ईमान से... Poetry Writing Challenge-3 1 37 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read ज़िन्दगी में खुशी नहीं होती ज़िन्दगी में खुशी नहीं होती। बिन तेरे ये हसीं नहीं होती। बेवफाई का दौर ना आता, तो कभी बेबसी नहीं होती। प्यार को गर कबूल करते तुम, यार तुम को... Poetry Writing Challenge-3 1 35 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read सिलसिला ये प्यार का सिलसिला ये प्यार का आए तुम ज़िन्दगी में जब से आहिस्ता, रहा पहले तुमसे इंसानियत का रिश्ता। छू गई जब मेरी रूह को तुम, तुमसे रहा है रूहानियत का रिश्ता।... Poetry Writing Challenge-3 1 54 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read ईश्क में यार ये जुदाई है ईश्क में यार ये जुदाई है। सिर्फ माशूक ही दवाई है। कैद में मर्ज़ के कभी आओ, तब तो मुश्किल कभी रिहाई है। ज़ख्म गर ईश्क अन्जाने में दे, देता... Poetry Writing Challenge-3 1 31 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read मेहनत से रोटी मिले दो वक्त की मेहनत से रोटी मिले दो वक्त की छल- कपट से दूर हो हर बात मेरी, कर्मों से अब न बदलेगी ज़ात मेरी। न चाहिए फरेब की इक बूँद भी, बेशक... Poetry Writing Challenge-3 93 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read राह तके ये नैन राह तके ये नैन तेरे इश्क ने तड़पने को किया बड़ा मज़बूर, रहेगा हमेशा इस दिल में हूर तेरा ही नूर, तूने अखियों से क्या पिलाई, उतरा नहीं तेरे इश्क... Poetry Writing Challenge-3 36 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read नयनों की भाषा नयनों की भाषा दिलों के सदा अरमान समझाए, प्रेम- प्यार के भी पाठ पढ़ाए। कोशिश तो बहुत की आँखों से, उस भाषा को वो समझ न पाए। लाख की कोशिश... Poetry Writing Challenge-3 46 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read अधूरा इश्क अधूरा इश्क आज भी जलता ज़हन तपती आग में है। जलते चिराग को हरदम देखते खाब में है। न भुला सका दिल यादें इश्क के दौर की, वो हसीं लम्हें... Poetry Writing Challenge-3 55 Share सुशील भारती 31 May 2024 · 1 min read जब कभी मैं मकान से निकला जब कभी मैं मकान से निकला। चाह में उसकी शान से निकला। सीने पर लग गया सनम के वो, तीर कैसा कमान से निकला। हो गये वो खफा खफा हम... Poetry Writing Challenge-3 73 Share