ललकार भारद्वाज "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ललकार भारद्वाज 4 May 2024 · 1 min read विवाह की 21वी वर्षगांठ समय लगाके पंख उड़े हैं, यादें ही बस रह जाती हैं। उन यादों में नोक झोंक और, खट्टी मीठी बातें रह जाती हैं।। 21 वर्ष तो बस ट्रेलर हैं ये,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · संस्मरण 68 Share ललकार भारद्वाज 3 May 2024 · 1 min read हमदर्द दर्द बताए तुमको कैसे, और दर्द छुपाए तुमसे कैसे। तुमको दर्द बताए अपने, अब तुमसे दर्द छुपाए कैसे।। तुम्ही तो हो जिसको हमने, राज बताए कैसे कैसे। तुम बिन हँसना... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 86 Share ललकार भारद्वाज 3 May 2024 · 1 min read मेरे भाव मेरे भाव जब तुम समझने लग जाओगी फिर किसी और की नहीं सिर्फ मेरी बन जाओगी कड़वा बोलता हूँ सिर्फ तुम्हारे लिए बोलता हूँ तुम मुझ में नहीं मेरी आत्मा... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 73 Share ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 1 min read अपराध बोध तू दर्द समेटे रहती हैं, तू मुझसे सब कुछ कहती हैं। तू मुझको अपना सखा कहे, तू खुद को मेरी सखी कहे।। तू भोली भाली प्यारी सी, तू सबसे प्यारी... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 45 Share ललकार भारद्वाज 23 Apr 2024 · 1 min read जन्मोत्सव अंजनि के लाल का राम दास और राम दुलारे। राम को अपने हृदय धारे।। राम भजन जो गाते हरदम। राम बिना ना स्वास को धारे।। राम हैं जिनमे राम के जो हैं। राम पे... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 2 52 Share ललकार भारद्वाज 21 Apr 2024 · 1 min read संवेदना कितना दर्द समाया तुझमे, कितने दर्द सहे हैं। आँसु मेरी आँखों से, सारी रात बहें हैं।। कैसे कहूँ? क्या मैं करूँ? समझ नही अब कुछ आता हैं। दर्द तेरा जो... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 73 Share