VINOD CHAUHAN "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid VINOD CHAUHAN 2 May 2024 · 2 min read मैं प्रगति पर हूँ ( मेरी विडम्बना ) मैं प्रगति पर हूँ आदम से आदमी बन गया हूँ प्राचीन से आधुनिक बन गया हूँ ना मानवता की फिक्र मुझे ना प्रकृति की फिक्र मुझे मैं मनमानी करता हूँ... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · V9द चौहान · कविता 1 2 132 Share