Abhishek Soni "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read सैनिक का खत– एक गहरी संवेदना। अब बर्ष नया फिर आया है, दिन आज बहुत ही अच्छा है। पर तुम न हो तो क्या मतलब, ये देश तुम्हारा अच्छा है। खत लिए हाथ में वो सैनिक,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 72 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read ताशकंद वाली घटना। एक बार सोए जख्म फिर कुरेद लीजिए, सत्ताओं की गलतियों के पर्दा खोल दीजिए। ताशकंद वाली घटना को याद कीजिए, उगता सूरज सोया क्यों ये सवाल कीजिए।। मैं सवाल पूछता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 55 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे? लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे? कब तलक ये धर्म के झगड़े कराओगे? भक्ति हो मन में राम तो फिर कुछ ना चाहेंगे, कब तलक ये लाखों दियाली जलाओगे?... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 106 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read गरीब की दिवाली। बच्चों ने मुझसे आज न पटाखे मांगे हैं, न ही कहा पिता जी मिठाई तो लाओगे। रोटी की भूख मन ही मन में झेल रहे थे, न खुश से एक... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 65 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read वो पिता है साहब , वो आंसू पीके रोता है। पूरी बरसात निकाल दी, बिना छतरी के उसने, सौ रूपए बचाकर बेटे को चप्पल खरीद लाता है। और पूरे बीस रूपए बचाता है रिक्शा न लेकर, बेटी को चूड़ियां दिलाऊंगा,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 118 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read गोपियों का विरह– प्रेम गीत। प्रेम में, प्रेम में, प्रेम में, प्रेम में, गोपियों की कहानी रही प्रेम में। राधिका का विरह भी रहा प्रेम में, अश्रु आकर के बहना रहा प्रेम में, मीरा गीतों... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 65 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read प्रकृति का दर्द– गहरी संवेदना। मैंने तुमको पला पोसा पर तुमने क्या मोल दिया है एक स्वार्थ कि खातिर हरे भरे जीवन को तौल दिया है। मैं तुमको भोजन देता हूं, पानी भी मुझसे आता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 64 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 2 min read सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं। सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।। भूख एक नहीं होती है ये तो सौ–सौ होती है, कुछ भूखों को आज यहां मैं भी बतलाने आया हूं। सत्ता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 109 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read दहेज एक समस्या– गीत। कि सुनकर धड़कन रुक जाती है, धरती भी हिलने लगती। चंद रुपए गाड़ी की खातिर, जब पगड़ी धूमिल होने लगती। गिरवी था घर बार सभी,अब इज्जत भी गिरवी रख दी,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 1 62 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read बेटियों का जीवन_एक समर– गीत। है समर एक जीवन सभी के लिए, लड़ता वो है जिसे हार भाती नहीं। एक समर में खड़ी बेटियां भी रहीं, हर समय जूझतीं जो समय से रहीं। थीं जो... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 57 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर– राम गीत। यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर, यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर, भाग्य रेखा को ऐसा बनाना पड़ा। त्याग करके परम धाम बैकुंठ को, रूप धरकर के धरती... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 86 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 2 min read श्री राम का जीवन– संवेदना गीत। काश के श्री राम के नयनों में भी कुछ नीर होता, काश कि दुनिया उन्हें भी, कुछ समय तो समझ पाती। काश कैकई क्रूर ना होती जो कुछ पल के... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 1 2 65 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read श्रंगार लिखा ना जाता है– शहीदों के प्रति संवेदना। मैं लिख दूं गीत अभी यौवन के, शब्दों से श्रंगार रचूं। कलियां, भंवरे, पायल, कुमकुम, मैं काजल क्या क्या और लिखूं? पर जब–जब चीख करुण सुनता हूं, आहत मन अकुलाता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 71 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read हर पीड़ा को सहकर भी लड़के हँसकर रह लेते हैं। हर पीड़ा को सहकर भी, लड़के हँसकर रह लेते हैं। एक हँसी चेहरे के पीछे, लाखों गम सह लेते हैं।। संघर्षों की एक कहानी, संग–संग चलती जाती है, कुछ गीतों... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 1 79 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read प्रश्न मुझसे किसलिए? नित नए नियमों को लेकर खुद को रोकूं इसलिए, फिर हिमालय लांघने का प्रश्न मुझसे किसलिए? पैर में जंजीर मोटी मुंह सरीखा शांत नदिया, हास्य पर प्रतिबंध मानो शशि तिमिर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 83 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read शेर शहर की बस्तियों में घोर सन्नाटा होता है, सफर में अक्सर इंसान अकेला होता है, मंजिल की चाह में रुकसत हो जाता है अपने घर से, अंधेरी रात में मगर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · शेर 68 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read वीर अभिमन्यु– कविता। सौ बार धन्य वह रण भूमि, जिस पर वह लड़ा काल जैसा। सौ बार धन्य वह माता, जिसने जना लाल अभिमन्यु सा। तेरहवें दिन का युद्ध रहा, वह कुरुक्षेत्र की... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 112 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read मजदूर का दर्द (कोरोना काल)– संवेदना गीत सोचकर वो चला आस घर की लिए, पथ बड़ा था कठिन पर ना भयभीत था।…. एक सफलता को मन में संझोए हुए, मौत के पथ पे आगे वो बड़ता गया।... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 1 50 Share