Dinesh Kumar Gangwar "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dinesh Kumar Gangwar 31 Mar 2024 · 1 min read समझ ***समझ*** देख कर बेटी की खिलकारी कुटुम्ब को हुई चिन्ता भारी सुन बेटे की खिलकारी घर में आयीं खुशियां भारी प्रेम स्नेह सब बेटे को अर्पण बेटी से उल्टा लिया... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · मुक्तक 6 2 184 Share Dinesh Kumar Gangwar 31 Mar 2024 · 1 min read कैसा फसाना है *** कैसा फसाना है *** ज़िन्दगी कैसा नगमा है ना किसी ने यह जाना है है कौन यहाँ किसका यह कोई ना जाना है। कुछ भी नही है अपना सबकुछ... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 7 1 94 Share Dinesh Kumar Gangwar 31 Mar 2024 · 1 min read समझ ना आया ***समझ ना आया*** इस दुनियाँ में , कौन है अपना, कौन पराया बीती उमरिया लेकिन यह सत् समझ ना आया इस दुनियां------------------------ । कहती है - दुनियां इश्क खुदा है,... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 5 1 93 Share Dinesh Kumar Gangwar 31 Mar 2024 · 1 min read अमृत वचन ***अमृत वचन *** मात्-पिता की करे जो भक्ति उसकी हरे गोविंद विपत्ति मात्- पिता का हो जो बैरी हो जाए उसका जग बैरी । छोड तात , परमपिता को जो... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · दोहा 6 1 182 Share Dinesh Kumar Gangwar 31 Mar 2024 · 1 min read सोचो सोचो यह ज़िन्दगी किस काम की है सोचो तो जरा क्या किया है हमने सोचो तो जरा क्या धर्म, ईमान कहता है सोचो तो जरा क्या किया है हमने सोचो... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 5 1 110 Share Dinesh Kumar Gangwar 21 Mar 2024 · 1 min read लेकिन क्यों ? लेकिन क्यों जब शब्द लिखने को थे तव पास कलम नही था जब कलम पास आया तव बक्त नही था जब वक्त भी मिला तब शब्द नही थे। वस यही... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 5 3 132 Share