संजीवनी गुप्ता "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संजीवनी गुप्ता 28 Mar 2024 · 1 min read सच की मौत कहते हैं झूठ के पांव नहीं होते, फिर भी वह जड़ें जमाने की कोशिश करता है। बार – बार पकड़े जाने पर भी, सच पर एक नया इल्जाम लगा कर,... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 127 Share संजीवनी गुप्ता 28 Mar 2024 · 1 min read सत्य चला .... कुछ जगा – जगा सा है, कुछ थका – थका सा है। सब धुआं – धुआं सा है, बादलों में छिपे सूरज की तरह, सत्य आज ढका – ढका सा... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 2 153 Share